Monday, September 16, 2024

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बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र जरिया :मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को शिखर वार्ता होनी है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली रूस यात्रा है। सूत्रों का कहना है कि पुतिन के साथ मुलाकात में पीएम मोदी रूस से अपील करेंगे कि वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करे। साथ ही कहेंगे कि युद्ध से कोई समाधान नहीं निकल सकता। बातचीत और कूटनीति के जरिए ही कोई समाधान निकल सकता है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री ओर्बन की तरह हाल ही में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की थी। हम इसे अहम कदम मानते हैं, जो भारत को प्रेरित करेगा कि वह अन्य देशों के साथ ही रूस से बात करे और यह सुनिश्चित करे कि यूक्रेन संघर्ष का कोई भी समाधान संयुक्त राष्ट्र चार्टर के जरिए निकाला जाए। साथ ही यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का भी ध्यान रखा जाए। भारत हमारा रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम खुलकर और ईमानदारी से बातचीत कर सकते हैं, साथ ही हम भारत के रूस के साथ संबंधों को लेकर अपनी चिंता भी जाहिर कर सकते हैं।’ संयुक्त राष्ट्र चार्टर संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक दस्तावेज़ है। इस पर 26 जून 1945 को सैन फ्रांसिस्को में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के समापन पर हस्ताक्षर किए गए थे और यह 24 अक्टूबर 1945 को लागू हुआ था। इस चार्टर के जरिए संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने चार्टर में निहित शक्तियों के तहत कार्रवाई कर सकता है। यूएन चार्टर को एक अंतर्राष्ट्रीय संधि माना जाता है। इस प्रकार, संयुक्त राष्ट्र चार्टर अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक साधन है, और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश इससे बंधे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के एक अनुच्छेद के तहत हर देश दूसरे देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का पालन करेगा।

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