कमला हैरिस के राष्ट्रपति चुनाव हार जाने से डेमोक्रेटिक पार्टी और उन्हें समर्थन दे रहे लोग निराश हैं। अब उपराष्ट्रपति हैरिस के एक पूर्व कर्मचारी ने राष्ट्रपति जो बाइडन से इस्तीफा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बाइडन इस्तीफा देकर उपराष्ट्रपति को देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनाएं। हालांकि यह कार्यकाल थोड़े ही समय के लिए होगा।
उपराष्ट्रपति के पूर्व संचार निदेशक जमाल सिमंस ने एक टॉक शो के दौरान यह सुझाव दिया। बाद में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘जो बाइडन शानदार रहे हैं, लेकिन उन्हें एक आखिरी वादा पूरा करना चाहिए और वक्त की नजाकत को समझते हुए बदलाव की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि बाइडन अगले 30 दिनों में इस्तीफा दे सकते हैं और कमला हैरिस को अमेरिका का राष्ट्रपति बना सकते हैं। इससे ट्रंप के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अगले चुनाव में किसी महिला के लिए लड़ना आसान बना देगा। उन्होंने आगे कहा, ‘इससे उन्हें छह जनवरी को अपनी हार के बाद होने वाले बदलावों की निगरानी करने से मुक्ति मिल जाएगी। और यह सुनिश्चित करेगा कि यह खबरों में छा जाए, एक ऐसे बिंदु पर जहां डेमोक्रेट्स को नाटक और पारदर्शिता सीखनी होगी और वे चीजें करनी होंगी जो जनता देखना चाहती है। यह हमारे लिए डेमोक्रेट्स के काम करने के तरीके के पूरे परिप्रेक्ष्य को बदलने का समय है।’
एक सवाल के जवाब में सिमंस ने कहा कि यह सबसे अच्छी चीज है जो बाइडन अब कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह जो बाइडन के नियंत्रण में है। अगर उन्होंने ऐसा किया, तो वह अपना आखिरी वादा पूरा करेंगे और कमला हैरिस को संयुक्त राज्य अमेरिका का 47वां राष्ट्रपति बनने का मौका देगा। यह डोनाल्ड ट्रंप के सामने मुसीबत खड़ा करेगा, है न? उन्हें हर चीज को रीब्रांड करना होगा। अगली महिला राष्ट्रपति के लिए इसे आसान बनाना होगा कि उन्हें पहली महिला होने का सारा बोझ न उठाना पड़े।’
बता दें, कि 27 जून को अटलांटा में डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस में जो बाइडन बुरी तरह से हार गए थे और उसके बाद ही पार्टी के अंदर उनके खिलाफ मुहिम शुरू हुई थी और आखिरकार जुलाई के अंत में उन्हें राष्ट्रपति चुनाव की रेस से बाहर होना पड़ा था। जैसे ही जो बाइडन ने अपना चुनाव अभियान समाप्त किया, उन्होंने तुरंत ही अपनी जगह लेने के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन दे दिया। कमला हैरिस को अपना राष्ट्रपति चुनाव अभियान के लिए सिर्फ तीन महीने का ही वक्त मिल पाया और आखिरकार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।





