बांग्लादेश सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के 10 जिलों में मतदाता सूची का स्वरूप जल्द बदल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, निर्वाचन आयोग इन इलाकों में मतदाता सूची के विशेष और गहन सत्यापन अभियान की तैयारी कर रहा है, जिसके तहत बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, इस विशेष सत्यापन अभियान में मतदाताओं की नागरिकता, निवास प्रमाण, पहचान पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाएगी। जिन मामलों में दस्तावेज अधूरे पाए जाएंगे, फर्जी पते दर्ज होंगे या अवैध रूप से नाम जोड़े गए होंगे, ऐसे मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं।
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश से सटे जिलों में पिछले कई वर्षों से मतदाता सूची में अनियमितताओं और अवैध नामांकन को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इन्हीं आरोपों और शिकायतों को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग यह कदम उठाने जा रहा है, ताकि मतदाता सूची को पूरी तरह सटीक, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जा सके।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी और पारदर्शी तरीके से की जाएगी। किसी भी वैध भारतीय नागरिक का नाम गलत तरीके से न कटे, इसके लिए आपत्ति दर्ज कराने और सुनवाई की व्यवस्था भी की जाएगी। जिन मतदाताओं के नाम हटाने का प्रस्ताव होगा, उन्हें आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने सीमा से सटे जिलों के नागरिकों से अपील की है कि वे समय रहते अपने मतदाता पहचान पत्र, आधार, निवास प्रमाण और अन्य दस्तावेजों की जांच कर लें और सत्यापन प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करें।
राजनीतिक दृष्टि से भी इस अभियान को बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची में किसी भी तरह का बड़ा बदलाव चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। फिलहाल सभी की नजरें निर्वाचन आयोग की आधिकारिक घोषणा और सत्यापन अभियान की समय-सीमा पर टिकी हुई हैं।





