ढाका। बांग्लादेश में पिछले कई हफ्तों से जारी राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा ने अब मीडिया संस्थानों को अपनी चपेट में ले लिया है। कट्टरपंथी दंगाइयों ने देश के सबसे प्रतिष्ठित और बड़े समाचार पत्रों में शुमार ‘प्रोथोम आलो’ (Prothom Alo) और ‘डेली स्टार’ के कार्यालयों पर हमला कर उन्हें आग के हवाले कर दिया। इस हमले के कारण 27 साल के गौरवशाली इतिहास में पहली बार ‘प्रोथोम आलो’ का प्रिंट संस्करण प्रकाशित नहीं हो सका।
मीडिया दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दंगाइयों की भारी भीड़ ने ढाका और अन्य शहरों में स्थित प्रमुख मीडिया घरानों के कार्यालयों को घेर लिया। हमलावरों ने न केवल इमारतों में तोड़फोड़ की, बल्कि कीमती तकनीकी उपकरणों और फर्नीचर को भी आग के हवाले कर दिया। इस दौरान कई पत्रकारों और कर्मचारियों को अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा।
एक युग का थमना: 27 साल बाद प्रेस हुई मौन
‘प्रोथोम आलो’ बांग्लादेश का सबसे लोकप्रिय और सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला बांग्ला अखबार है। 1998 में अपनी स्थापना के बाद से यह अखबार हर विपरीत परिस्थिति, चक्रवात और राजनीतिक संकट के बावजूद नियमित रूप से छपता रहा है। हालांकि, मौजूदा हिंसा और वितरण व्यवस्था ठप होने के कारण अखबार प्रबंधन को प्रिंटिंग रोकने का ऐतिहासिक और दुखद निर्णय लेना पड़ा।
प्रेस की स्वतंत्रता पर संकट
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है। मीडिया विशेषज्ञों का कहना है कि:
- पत्रकारों को निशाना बनाना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को ध्वस्त करने की कोशिश है।
- जानबूझकर उन मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है जो निष्पक्ष रिपोर्टिंग कर रहे हैं।
- देश में डर का माहौल पैदा कर सूचना के प्रवाह को रोकने की साजिश रची जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
दुनियाभर के पत्रकार संगठनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से मांग की जा रही है कि वह प्रेस और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि जब तक हमलावरों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक स्वतंत्र पत्रकारिता करना असंभव होगा।





