बहेड़ी (बरेली)। स्थानीय बाजार में भीड़भाड़ के बीच अपनी मां से बिछड़कर रो रही एक तीन वर्षीय मासूम बच्ची के लिए ‘मिशन शक्ति’ की टीम फरिश्ता बनकर आई। पुलिस टीम ने न केवल बच्ची को संभाला, बल्कि महज कुछ ही घंटों के भीतर कड़ी मशक्कत कर उसकी मां को ढूंढ निकाला। अपनी जिगर के टुकड़े को दोबारा सीने से लगाकर मां की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।
भीड़भाड़ वाले बाजार में मची अफरा-तफरी
जानकारी के अनुसार, क्षेत्र की एक महिला अपनी तीन साल की बेटी के साथ घर का सामान लेने बहेड़ी बाजार आई थी। बाजार में जबरदस्त भीड़ होने के कारण बच्ची अचानक मां का हाथ छोड़कर कहीं आगे निकल गई।
- मासूम का रोना: काफी देर तक मां के न दिखने पर बच्ची सड़क किनारे खड़ी होकर जोर-जोर से रोने लगी।
- पुलिस की नजर: गश्त पर निकली ‘मिशन शक्ति’ की महिला कांस्टेबल और टीम की नजर जब बिलखती बच्ची पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत उसे अपनी सुरक्षा में ले लिया।
मिशन शक्ति टीम की सूझबूझ
टीम ने सबसे पहले बच्ची को बिस्कुट और पानी पिलाकर उसका डर दूर किया। चूंकि बच्ची बहुत छोटी थी, इसलिए वह अपने घर का पता बताने में असमर्थ थी।
- अनाउंसमेंट और सर्च: पुलिस ने तुरंत बाजार के मुख्य चौराहों और लाउडस्पीकर के माध्यम से बच्ची के मिलने की सूचना प्रसारित करवाई।
- स्थानीय लोगों से पूछताछ: टीम ने आसपास के दुकानदारों और राहगीरों को बच्ची की फोटो दिखाकर उसकी पहचान करने की कोशिश शुरू की।
भावुक मिलन
करीब दो घंटे की कड़ी खोजबीन के बाद, पुलिस को एक बदहवास महिला मिली जो रोते हुए अपनी बच्ची को ढूंढ रही थी। जैसे ही बच्ची ने अपनी मां को देखा, वह उसकी ओर दौड़ पड़ी।
- सत्यापन: पुलिस ने आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं और महिला की पहचान की पुष्टि करने के बाद बच्ची को उसे सौंप दिया।
- कृतज्ञता: महिला ने उत्तर प्रदेश पुलिस और मिशन शक्ति टीम का बार-बार आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस की मुस्तैदी की वजह से ही आज उसकी बेटी सही-सलामत उसके पास है।
पुलिस की अपील
बहेड़ी थाना प्रभारी ने इस मौके पर जनता से अपील की कि वे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों की जेब में एक पर्ची पर नाम और मोबाइल नंबर लिखकर जरूर रखें, ताकि ऐसी स्थिति में उनसे तुरंत संपर्क किया जा सके।





