पश्चिम बंगाल में लगभग 75 प्रतिशत मतदान हुआ। कूचबिहार सीट पर हिंसा के कारण मतदान प्रभावित हुआ। टीएमसी और बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि दोनों दलों ने मतदान के पहले कुछ घंटों में चुनावी हिंसा, मतदाताओं को धमकाने और चुनाव एजेंटों पर हमलों को लेकर 383 शिकायतें दर्ज कराई हैं।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बंपर वोटिंग से किसे फायदा होगा। राजनीति के जानकारों के अनुसार आमतौर पर अधिक वोटिंग या वोटिंग प्रतिशत बढ़ने को सत्ता पक्ष के खिलाफ जनाक्रोश के रूप में देखा जाता है। माना जाता है कि लोग मौजूदा सरकार को बदलने के लिए अधिक वोट करते है। अधिक वोटिंग प्रतिशत को सरकार बदलने का पर्याय माना जाता है। हालांकि, पिछले कुछ चुनावों में यह ट्रेंड बदला है। यदि लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 के आंकड़ों को देखें तो अधिक वोटिंग प्रतिशत के बावजूद केंद्र में एनडीए की सत्ता में वापसी हुई है। 2014 के 66.4 फीसदी के मुकाबले 2019 में 67.3 फीसदी वोट पड़े थे। इसके बावजूद केंद्र में बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई थी। हालांकि, यदि 2009 के वोटिंग प्रतिशत की तुलना करें तो 2014 में अधिक वोटिंग से सत्ता में बदलाव हुआ। 2014 में 2009 के 58.2 फीसदी के मुकाबले 66.4% वोट पड़े थे।