प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी AI एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए फ्रांस रवाना हो गए हैं। वे फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों फ्रांस में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करने और अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का दौरा करने के लिए मार्सिले भी जाएंगे। फ्रांस के बाद वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर संयुक्त राज्य अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एआई महत्वाकांक्षा व चीनी चैटबॉट डीपसीक के साये में सोमवार से फ्रांस की राजधानी पेरिस में कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिखर सम्मेलन शुरू होगा। इस सम्मेलन में एआई की भूराजनीति पर ध्यान केंद्रित रहने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को एआई शिखर सम्मेलन-2025 की फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ अध्यक्षता करेंगे। इसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी मौजूद होंगे। पीएम मोदी फ्रांसीसी कंपनियों के प्रमुखों से मिलेंगे और बुधवार को विशिष्ट लोगों के लिए आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे। सम्मेलन में वैश्विक नेता, अधिकारी व विशेषज्ञ एआई प्रौद्योगिकी के विकास को दिशा देने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। यह सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रहा है, जब चीन के किफायती डीपसीक चैटबॉट ने उद्योग को हिला रखा है। सम्मेलन का उद्देश्य यह पता लगाना है कि एआई का किस तरह उपयोग हो, ताकि सबको लाभ मिले व जोखिम नियंत्रित रहें।
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो, ओपेनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन, माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ व गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई सहित 80 देशों के अधिकारी व सीईओ इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
चैटजीपीटी की शुरुआत के दो साल से भी अधिक समय बाद जनरेटिव एआई बहुत तेजी से प्रगति कर रही है। गत वर्ष ब्रिटेन में शिखर सम्मेलन के दौरान 28 देशों ने एआई जोखिमों से निपटने के लिए गैर-बाध्यकारी प्रतिबद्धता जताई थी। पेरिस शिखर सम्मेलन में भी एआई सुरक्षा एजेंडे में है। मैक्रों के कार्यालय के अनुसार, अधिक नैतिक, लोकतांत्रिक व पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ एआई के लिए संयुक्त राजनीतिक घोषणा पर हस्ताक्षर करने के उद्देश्य से काम किया जा रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका इस तरह के उपाय से सहमत होगा या नहीं।





