Monday, September 16, 2024

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फ्रांस में त्रिशंकु सरकार बनने की संभावना

फ्रांस में रविवार को संसदीय चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग हुई। रुझानों में अप्रत्याशित रूप से एकजुट हुए वामपंथी गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है, जोकि राष्ट्रपति मैक्रों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। वहीं, रुझानों में मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन दूसरे और धुर दक्षिणपंथी तीसरे स्थान पर रहने का अनुमान है। किसी भी एक गठबंधन को बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति मैक्रों को अभूतपूर्व परिस्थितियों का सामना करते हुए धुर-दक्षिणपंथियों के साथ सत्ता साझा करनी पड़ सकती है। वहीं, विशेषज्ञों ने त्रिशंकु सरकार बनने की भी संभावना जताई है। राष्ट्रपति मैक्रों ने सबको चौंकाते हुए समय से तीन साल पहले आकस्मिक चुनाव का एलान किया था, लेकिन इसका असर उल्टा होता दिख रहा है। चुनाव संपन्न होने के बाद मतगणना जारी है। चुनाव परिणाम सोमवार यानी आज आने की उम्मीद है। फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन यूरोपीय संघ में 9 जून को अपनी पार्टी रेनेसां की बड़ी हार के बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने समय पूर्व संसद भंग कर बड़ा जोखिम लिया है। 30 जून को पहले दौर के चुनाव में मरीन ली पेन की नेशनल रैली को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली थी। उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा 35.15 प्रतिशत वोट मिले, जबकि 27.99 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे नंबर पर वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट गठबंधन रहा। मैक्रों की रेनेसां पार्टी सिर्फ 20.76 फीसदी वोट हासिल कर सकी। दूसरे दौर के लिए सिर्फ वही प्रत्याशी मैदान में हैं, जिन्हें पहले चरण में 12.5 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले हैं। फ्रांस में संसदीय चुनावों के लिए इस बार 4.9 करोड़ से ज्यादा मतदाता पंजीकृत हैं। मतदाताओं को नेशनल असेंबली के लिए 577 सदस्यों का चुनाव करना है। नेशनल असेंबली फ्रांस की संसद का प्रभावशाली निचला सदन है, जिसमें बहुमत के लिए 289 सीटें जीतना जरूरी है। फ्रांस के गृह मंत्रालय के अनुसार, स्थानीय समयानुसार दोपहर तक 26.63 प्रतिशत मतदाता वोट डाल चुके थे। फ्रांस के संसदीय चुनाव में मतदान का नया रिकॉर्ड बना है। रात 8 बजे मतदान की समाप्ति से तीन घंटे पहले 59.71 प्रतिशत लोग मतदाधिकार का प्रयोग कर चुके थे, जो वर्ष 1981 के बाद सबसे अधिक मतदान है।

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