वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फोस्टर केयर सिस्टम से बाहर आने वाले बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश (Executive Order) जारी किया है। यह आदेश अमेरिका में ऐसे हजारों युवाओं पर सकारात्मक प्रभाव डालने की उम्मीद है, जो 18 वर्ष की आयु के बाद फोस्टर केयर प्रणाली से बाहर हो जाते हैं और जीवन के नए चरण में कई चुनौतियों का सामना करते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस निर्णय को फ़र्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप की पहल और उनके ‘Be Best’ अभियान का स्वाभाविक विस्तार बताया। मेलानिया लंबे समय से फोस्टर केयर से जुड़े मुद्दों—विशेषकर बच्चों की मानसिक, सामाजिक और शैक्षणिक जरूरतों—पर काम कर रही हैं।
क्या है नए आदेश का उद्देश्य?
नया आदेश उन युवाओं को बेहतर सहायता, मार्गदर्शन और सरकारी सुविधाओं तक आसान पहुंच दिलाने पर केंद्रित है, जो सिस्टम से बाहर आने के बाद रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षित आवास जैसी प्राथमिक जरूरतों के लिए संघर्ष करते हैं।
इसके तहत—
- संघीय एजेंसियों को राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
- युवाओं के लिए मेंटोरशिप, कौशल-विकास और करियर मार्गदर्शन कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया है।
- फोस्टर केयर छोड़ने वाले बच्चों के लिए आपातकालीन सहायता फंड की प्रक्रिया सरल बनाई जाएगी।
मेलानिया ट्रंप की प्रमुख भूमिका
फ़र्स्ट लेडी ने इस कार्यक्रम का जोरदार समर्थन करते हुए कहा कि फोस्टर केयर छोड़ने वाले बच्चे अक्सर भावनात्मक और आर्थिक सुरक्षा से वंचित रहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम “उन युवाओं को बेहतर जीवन, अवसर और सुरक्षित भविष्य” प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
अमेरिका में गंभीर समस्या है फोस्टर सिस्टम से बाहर आना
आंकड़ों के अनुसार, हर वर्ष हजारों बच्चे 18 वर्ष पूरे होने पर फोस्टर सिस्टम से स्वतः बाहर हो जाते हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या आर्थिक असुरक्षा, बेघर होने और रोजगार की कमी जैसी स्थितियों का सामना करती है। सरकार का मानना है कि नए आदेश से इन युवाओं को समय पर सहायता मिलेगी और उनके जीवन में स्थिरता आएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम फोस्टर केयर नीति में दीर्घकालिक सुधारों को गति देगा और राज्यों को अधिक जवाबदेह बनाएगा।
ट्रंप प्रशासन का यह निर्णय सामाजिक कल्याण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप माना जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में बच्चों और युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।





