मनीला।
फिलीपींस में आए भीषण फंग-वोंग तूफान ने बड़े पैमाने पर तबाही मचा दी है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 लाख से ज्यादा लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। देश के कई हिस्सों में तेज हवाओं, मूसलाधार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
फिलीपींस आपदा प्रबंधन एजेंसी (NDRRMC) के अनुसार, तूफान ने मुख्य रूप से लुज़ोन और विसायास द्वीपों को प्रभावित किया है। कई इलाकों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए और संचार व्यवस्था ठप पड़ गई। राहत एवं बचाव दल लगातार प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं।
तूफान फंग-वोंग (Fung-Wong) शुक्रवार रात फिलीपींस के उत्तर-पूर्वी तट से टकराया था। इस दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलीं और कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक भारी वर्षा और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है।
राष्ट्रीय आपदा परिषद ने बताया कि तूफान से 30 से अधिक प्रांतों में नुकसान हुआ है। करीब 2,50,000 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि स्कूल, सरकारी दफ्तर और परिवहन सेवाएं फिलहाल बंद कर दी गई हैं। देश के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति बाधित है और कुछ क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
सरकार ने प्रभावित इलाकों में आपात स्थिति घोषित कर दी है। राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने आपदा राहत को लेकर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और सभी सरकारी एजेंसियों को समन्वय के साथ काम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि “जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। सभी संसाधनों को राहत और पुनर्वास कार्य में लगाया जा रहा है।”
मौसम विभाग (PAGASA) ने बताया कि फंग-वोंग तूफान अब धीरे-धीरे पश्चिमोत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में इसके वियतनाम की ओर बढ़ने की संभावना है। हालांकि, इसके असर से फिलीपींस में अगले दो दिनों तक भारी बारिश जारी रह सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, फंग-वोंग इस वर्ष फिलीपींस को प्रभावित करने वाला 12वां बड़ा तूफान है। जलवायु परिवर्तन के कारण क्षेत्र में ऐसे तूफानों की आवृत्ति और तीव्रता लगातार बढ़ रही है, जिससे हर बार भारी जन-धन की हानि हो रही है।
फिलहाल राहत एजेंसियां युद्धस्तर पर काम कर रही हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन का कहना है कि कई दुर्गम इलाकों तक पहुंचना अब भी मुश्किल बना हुआ है। तूफान के कारण देश की अर्थव्यवस्था, विशेषकर कृषि और मछलीपालन क्षेत्र, को भी भारी नुकसान होने की आशंका है।





