प्रदेश में शिक्षक, प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती के विरोध में उतर आए हैं। राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि मात्र 10 प्रतिशत शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के लिए भर्ती की जा रही है।कहा, प्रधानाचार्य का पद शतप्रतिशत पदोन्नति का पद है। 28 सितंबर को इस मसले पर बैठक बुलाई गई है, जिसमें भर्ती रद्द करने के लिए रणनीति तय की जाएगी। उधर, रुद्रप्रयाग से भाजपा विधायक भरत सिंह चौधरी भी शिक्षकों के समर्थन में हैं। उन्होंने मामले में शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर प्रधानाचार्य के पदों को पदोन्नति से भरने की मांग की है। राजकीय शिक्षक संघ प्रधानाचार्य के पदों को विभागीय सीधी भर्ती से भरने से नाराज है। शिक्षकों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने इस मसले पर विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, शिक्षक संघ की सहमति के बाद प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती की जा रही है।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष के मुताबिक, सरकार बताए कि प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती के लिए किस संगठन को विश्वास में लिया गया। कहा, संगठन इस भर्ती का शुरू से ही विरोध करता आ रहा है। सरकार ने यदि इस मसले पर जल्द कोई निर्णय नहीं लिया तो इसके विरोध में आंदोलन शुरू किया जाएगा।
उधर, रुद्रप्रयाग से भाजपा विधायक भरत सिंह चौधरी ने शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत को लिखे पत्र में कहा, राजकीय शिक्षक संघ प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती का विरोध कर रहा है। संघ का कहना है कि 90 प्रतिशत एलटी और प्रवक्ता संवर्ग के शिक्षकों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने से वंचित किया जा रहा है।
विभागीय भर्ती परीक्षा को रद्द कराकर पहले की तरह शत प्रतिशत प्रधानाचार्य के पदों को पदोन्नति से भरा जाए। विधायक ने कहा, विभागीय सीधी भर्ती के निर्णय पर फिर से विचार करते हुए इन पदों को पदोन्नति से भरा जाए।