प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपनी चौथी आधिकारिक ब्रिटेन यात्रा पर रवाना हो गए। यह दौरा भारत-ब्रिटेन संबंधों को नई दिशा देने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप दिया जाएगा। साथ ही, खालिस्तानी चरमपंथ, प्रवासी भगोड़ों के प्रत्यर्पण, और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को लेकर उच्च स्तरीय बातचीत होगी।
राजा चार्ल्स और कीर स्टार्मर से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी लंदन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और राजा चार्ल्स तृतीय से भेंट करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, यह यात्रा 23 से 24 जुलाई तक चलेगी। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत में व्यापार, निवेश, सुरक्षा, जलवायु, तकनीक, स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
24 जुलाई को एफटीए पर हस्ताक्षर, पीयूष गोयल भी होंगे मौजूद
इस दौरे की मुख्य उपलब्धि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर होने वाला हस्ताक्षर समारोह होगा। 24 जुलाई को लंदन में यह समझौता किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे।
एफटीए के तहत भारतीय श्रम-प्रधान क्षेत्रों—जैसे चमड़ा, जूते और वस्त्र—के निर्यात पर शुल्क में कटौती की जाएगी, जबकि ब्रिटेन से व्हिस्की और कारों के आयात को सस्ता किया जाएगा। लक्ष्य है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाया जाए।
भारत-ब्रिटेन निवेश संबंधों पर विशेष फोकस
ब्रिटेन, भारत में छठा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक (FDI) है, जिसकी कुल हिस्सेदारी लगभग 36 अरब डॉलर है। वहीं, भारत भी ब्रिटेन में निवेश के मामले में अग्रणी है, जहाँ उसका कुल एफडीआई 20 अरब डॉलर के करीब है।
मिस्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण को लेकर भी बातचीत होगी, जिसमें तहव्वुर राणा जैसे मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।