नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि हिमालयी प्रदेश उत्तराखंड में पर्यटन विशेषकर साहसिक एवं वन्यजीव पर्यटन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। राज्य की ब्रांडिग के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने राज्य में जैव विविधता के संरक्षण पर बल देने का सुझाव भी दिया। शनिवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक विकास की भावी रणनीति पर मंथन किया गया। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जाेशी के साथ राज्य सरकार एवं नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर नीति आयोग उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि उत्तराखंड में सतत पर्यटन को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। इसे लेकर व्यापक कार्ययोजना बनाई जाए। लैंगिक विकास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की ओर से जिन समस्याओं और विषयों को रखा गया है, नीति आयोग हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।
इससे पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य की विषम परिस्थितियों और उनके समाधान के लिए नीति आयोग से अपेक्षित समर्थन मांगा। उन्होंने बताया कि राज्य ने अब तक 5428 स्रोतों का जल संरक्षण और संवर्द्धन कर उन्हें पुनर्जीवित किया है। 228 वर्षाकालीन छोटी-बड़ी नदियों काे उपचार कर पुनर्जीवन दिया गया है। अब नदी जोड़ो परियोजना की रूपरेखा तैयार की जा रही है। यह परियोजना गेमचेंजर साबित होगी। इससे प्रदेश के साथ ही पड़ोसी राज्यों को भी लाभ मिलेगा।