Monday, December 1, 2025

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प्रदेश में पंचायतों के 32 हजार से अधिक पद रिक्त, हालात सुधरते ही होगा चुनाव

देहरादून। प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद अब भी हजारों पद रिक्त रह गए हैं। बुधवार को जहां निर्वाचित प्रधानों का शपथ ग्रहण कराया गया, वहीं राज्य के अलग-अलग जिलों में बड़ी संख्या में पद खाली रह जाने से निर्वाचन आयोग के सामने दोबारा चुनाव कराने की चुनौती खड़ी हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेशभर में पंचायतों के करीब 32 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। इनमें प्रधान पद के 20, क्षेत्र पंचायत सदस्य के दो और ग्राम पंचायत सदस्य के लगभग 32,000 पद शामिल हैं। इन पदों पर चुनाव कराना अब राज्य निर्वाचन आयोग की प्राथमिकता है।
आपदा बनी बाधा
प्रदेश के कई जिलों में हाल के दिनों में आई प्राकृतिक आपदाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने, गांवों तक पहुंच बाधित होने और राहत कार्यों के चलते तत्काल चुनाव कराना संभव नहीं हो सका। ऐसे हालात में आयोग ने फिलहाल प्रतीक्षा का रुख अपनाया है।

तैयारी शुरू, जिलों से रिपोर्ट भी मिली
आयोग ने सभी जिलों से रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त कर ली है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही हालात सामान्य होंगे, रिक्त पदों पर उपचुनाव कराने की अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद नामांकन से लेकर मतदान तक की प्रक्रिया तय समयसीमा के भीतर पूरी की जाएगी।

लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि पंचायतों में इतने बड़े पैमाने पर पद खाली रहना लोकतांत्रिक ढांचे को प्रभावित करता है। पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों की कमी से न केवल स्थानीय स्तर के विकास कार्य प्रभावित होते हैं बल्कि ग्राम स्तर पर लोगों की समस्याओं का समाधान भी अटक जाता है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि परिस्थितियां सामान्य होते ही चुनाव कराए जाएंगे, ताकि पंचायतों की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से चल सके और ग्रामीण स्तर पर जनप्रतिनिधियों की पूरी भागीदारी सुनिश्चित हो।

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