Wednesday, August 27, 2025

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प्रतिभाशाली युवा नेताओं से घबराते हैं राहुल गांधी : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक की। ‘चाय पर चर्चा’ के दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और विपक्षी दलों की राजनीति पर सीधे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष में कई युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली और ऊर्जावान हैं, लेकिन परिवारवाद की राजनीति और शीर्ष नेतृत्व की असुरक्षा के कारण उन्हें कभी आगे आने का अवसर नहीं दिया जाता।
पीएम मोदी ने खासतौर पर कांग्रेस का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी असुरक्षा और भय के माहौल में जीते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस जैसे दलों में नई पीढ़ी के नेताओं का हाशियाकरण हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि “कांग्रेस नेतृत्व को डर है कि यदि युवा चेहरों को मंच मिलेगा तो उनकी पारिवारिक राजनीति कमजोर पड़ जाएगी।”

संसद सत्र की उपलब्धियां गिनाईं

बैठक में प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न संसद सत्र को ऐतिहासिक और सफल करार दिया। उन्होंने बताया कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए हैं, जो आने वाले वर्षों में भारत के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को नई दिशा देंगे। पीएम मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने इन गंभीर विषयों पर बहस से दूरी बनाई और केवल व्यवधान पैदा करने पर ही ध्यान केंद्रित किया।
ऑनलाइन गेमिंग बिल को बताया ऐतिहासिक
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन एंड रेगुलेशन) विधेयक, 2025 का उल्लेख किया। उन्होंने इसे दूरगामी असर डालने वाला कानून बताते हुए कहा कि यह समाज के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। 20 अगस्त को संसद द्वारा पारित इस बिल के तहत पैसों पर आधारित ऑनलाइन गेम्स (मनी-बेस्ड गेमिंग) को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कानून का उल्लंघन करने पर कंपनियों, प्रमोटरों और व्यक्तियों पर कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कानून खासकर युवाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ताकि उन्हें ऑनलाइन सट्टेबाजी और कर्ज के जाल से बचाया जा सके।

उद्योग जगत की चिंता

हालाँकि, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने इस कानून पर अपनी आशंका भी जताई है। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि पूर्ण प्रतिबंध से इस तेजी से बढ़ते उद्योग को गंभीर नुकसान होगा। उनका मानना है कि इस क्षेत्र में लाखों लोगों की रोज़गार संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं। उद्योग जगत का कहना है कि नियमन की बजाय संतुलित नीति बनाना बेहतर विकल्प होता।

विपक्ष पर सीधा हमला

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान विपक्ष के रवैये को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने गंभीर कानूनों पर बहस करने के बजाय लगातार हंगामा किया। लोकसभा में तो हालात इतने बिगड़ गए कि विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा प्रस्तुत तीन विधेयकों की प्रतियां तक फाड़ दीं।
इन विधेयकों में एक प्रावधान यह भी है कि यदि किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया जाता है, तो उन्हें 30 दिनों तक अपने पद से हटना पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण विषयों पर विपक्ष को चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने केवल नारेबाज़ी और हंगामा करना ही चुना।

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