Tuesday, September 9, 2025

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पोलैंड के नए राष्ट्रपति का अमेरिका दौरा, रूस के खतरे को देखते हुए दोनों देशों में हो सकता है अहम करार

वारसॉ/वॉशिंगटन।
पूर्वी यूरोप में बढ़ते तनाव और रूस की आक्रामक नीतियों के बीच पोलैंड के नए राष्ट्रपति ने अमेरिका का आधिकारिक दौरा शुरू किया है। यह दौरा नाटो (NATO) के पूर्वी मोर्चे की सुरक्षा और यूरोप में शक्ति संतुलन की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।

रूस को लेकर साझा चिंता

राष्ट्रपति के साथ पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी नेताओं और रक्षा अधिकारियों से मुलाकात कर सुरक्षा सहयोग, सैन्य आधुनिकीकरण और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देशों का मानना है कि रूस की नीतियाँ न केवल यूक्रेन बल्कि पूरे यूरोप की स्थिरता के लिए खतरा हैं। ऐसे में पोलैंड अमेरिका के साथ और गहरे सामरिक संबंध चाहता है।

संभव है रक्षा समझौता

सूत्रों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान रक्षा और सैन्य सहयोग को लेकर एक बड़ा समझौता हो सकता है। इसमें अमेरिकी सैनिकों की पोलैंड में तैनाती, अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति और खुफिया साझेदारी को बढ़ावा दिए जाने की संभावना है। इसके अलावा पोलैंड अमेरिका से मिसाइल डिफेंस सिस्टम और उन्नत लड़ाकू विमानों की खरीद पर भी जोर दे सकता है।

ऊर्जा और आर्थिक सहयोग भी एजेंडे में

रूस पर ऊर्जा निर्भरता कम करने के लिए पोलैंड वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहा है। अमेरिका से एलएनजी (LNG) गैस आयात को बढ़ाने और ऊर्जा परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है। इससे न केवल पोलैंड बल्कि पूरे यूरोप में ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
अमेरिका की भूमिका
अमेरिकी प्रशासन ने इस यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि पोलैंड नाटो में एक “महत्वपूर्ण स्तंभ” की भूमिका निभा रहा है। व्हाइट हाउस ने साफ किया कि अमेरिका पूर्वी यूरोप की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए तैयार है।
विश्लेषकों की राय
भूराजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा नए शीतयुद्ध जैसे हालात में अहम साबित हो सकता है। रूस के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने के लिए अमेरिका, पोलैंड और अन्य यूरोपीय देशों की साझेदारी निर्णायक मानी जा रही है।

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