लिमा। पेरू की राजधानी लिमा में हालिया अपराध और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए राष्ट्रपति गुस्तावो पेड्रो ने शहर में 30 दिन का आपातकाल घोषित किया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि इस अवधि के दौरान सुरक्षा बलों को अतिरिक्त अधिकार और संसाधन दिए जाएंगे ताकि अपराधियों और हिंसक गिरोहों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
आपातकाल का उद्देश्य
राष्ट्रपति पेड्रो ने कहा कि लिमा में हाल के महीनों में डकैतियां, हिंसक झगड़े और संगठित अपराध बढ़ गए हैं, जिससे नागरिकों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपातकाल का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अपराध पर कड़ा नियंत्रण स्थापित करना है।
इस दौरान सेना और पुलिस को सार्वजनिक स्थलों पर तैनाती, वाहनों की जांच और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी करने का अधिकार दिया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और कोई भी व्यक्ति या समूह इससे अलग नहीं रहेगा।
हिंसा और अपराध की स्थिति
पेरू की राजधानी में हाल के वर्षों में अपराध की दर में लगातार वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि संगठित अपराध समूह, नशीली दवाओं की तस्करी और झगड़ों में वृद्धि ने आम नागरिकों में भय की स्थिति पैदा कर दी है। आपातकालीन उपायों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सुरक्षा बल तेजी से कार्रवाई कर सकें और हिंसक घटनाओं की संख्या में कमी आए।
नागरिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
आपातकाल की घोषणा को लेकर नागरिकों और राजनीतिक दलों में मिश्रित प्रतिक्रिया है। एक ओर कुछ नागरिक इसे स्वागत योग्य कदम मान रहे हैं, क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, वहीं विपक्षी दलों ने चेतावनी दी है कि सुरक्षा बलों के अतिरिक्त अधिकारों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय नजर
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है कि पेरू की यह पहल आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था को कड़ा करने की दिशा में अहम कदम है। इससे अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण और नागरिकों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
आगे की प्रक्रिया
आपातकाल के दौरान प्रशासन और सुरक्षा बल रात-दिन सतर्क रहेंगे। राष्ट्रपति पेड्रो ने कहा कि इस अवधि के बाद स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो आगे भी कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।