मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि यदि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की तैयार हों तो वे मॉस्को आकर संघर्षविराम पर बातचीत कर सकते हैं। पुतिन ने यह टिप्पणी एक प्रेस वार्ता के दौरान की, जिससे दोनों देशों के बीच संभावित शांति प्रक्रिया की अटकलें तेज हो गई हैं।
पुतिन ने कहा कि रूस वार्ता से पीछे नहीं हटेगा, बशर्ते यूक्रेन भी गंभीरता से कदम बढ़ाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि “अगर जेलेंस्की तैयार हैं, तो मॉस्को में उनका स्वागत है। हम संघर्षविराम और शांति स्थापित करने के लिए बातचीत करने को तैयार हैं।” हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि बातचीत केवल तभी सफल हो सकती है, जब यूक्रेन जमीनी हकीकत को स्वीकार करे और पश्चिमी देशों के दबाव से मुक्त होकर निर्णय ले।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन का यह बयान एक रणनीतिक संकेत हो सकता है, क्योंकि हाल के महीनों में युद्ध की स्थिति दोनों पक्षों के लिए जटिल होती गई है। यूक्रेन लगातार पश्चिमी देशों से सैन्य और आर्थिक मदद ले रहा है, जबकि रूस का कहना है कि पश्चिम इस युद्ध को लंबा खींचने की कोशिश कर रहा है।
यूक्रेन की ओर से अभी तक पुतिन के इस ताज़ा प्रस्ताव पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कीव का रुख अब तक यही रहा है कि जब तक रूस कब्जाए गए क्षेत्रों से पीछे नहीं हटता, तब तक बातचीत संभव नहीं है।
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को दो वर्ष से अधिक हो चुके हैं और अब तक लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार युद्धविराम और वार्ता की अपील कर रहा है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी और भू-राजनीतिक खींचतान समाधान में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है।
यदि मॉस्को और कीव के बीच यह संभावित वार्ता आगे बढ़ती है, तो यह न केवल पूर्वी यूरोप बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी अहम साबित हो सकती है।