मॉस्को/ब्रसेल्स: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोपीय संघ (EU) और पश्चिमी देशों को अब तक की सबसे सख्त चेतावनी दी है। रूस की विदेशी संपत्तियों को जब्त करने और उनके मुनाफे को यूक्रेन की मदद के लिए इस्तेमाल करने की पश्चिमी देशों की योजना पर पुतिन ने इसे ‘डकैती’ करार दिया है। पुतिन ने स्पष्ट किया कि यदि रूस की संप्रभु संपत्तियों के साथ छेड़छाड़ की गई, तो मॉस्को इसका करारा जवाब देगा, जिसके परिणाम पूरे वैश्विक वित्तीय तंत्र के लिए विनाशकारी होंगे।
मुख्य विवाद: संपत्तियों की जब्ती और पुतिन का रुख
- ‘खुली लूट’ का आरोप: राष्ट्रपति पुतिन ने विदेशी मंत्रालय के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा रूसी संपत्तियों को फ्रीज करना और अब उन्हें जब्त करने की कोशिश करना सीधे तौर पर ‘चोरी’ है। उन्होंने कहा कि “कानून की आड़ में की जा रही यह डकैती दंडित होने से नहीं बचेगी।”
- वित्तीय स्थिरता को खतरा: पुतिन ने चेतावनी दी कि पश्चिमी देशों का यह कदम ‘भस्मासुर’ साबित होगा। उन्होंने तर्क दिया कि यदि आज रूस की संपत्ति छीनी जा रही है, तो कल किसी भी देश की संपत्ति सुरक्षित नहीं रहेगी, जिससे डॉलर और यूरो पर से दुनिया का भरोसा उठ जाएगा।
- जवाबी कार्रवाई का संकेत: क्रेमलिन ने संकेत दिया है कि रूस के पास भी पश्चिम की कई संपत्तियां मौजूद हैं, जिन्हें ‘पारस्परिक कार्रवाई’ के तहत जब्त किया जा सकता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
यूक्रेन युद्ध के बाद से पश्चिम ने रूस की लगभग 300 बिलियन डॉलर की संपत्ति फ्रीज कर रखी है। अब यूरोपीय संघ इस राशि से होने वाले सालाना मुनाफे को यूक्रेन के सैन्य फंड में डालने की तैयारी कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन का यह अल्टीमेटम केवल एक बयान नहीं है, बल्कि यह यूरोप के साथ आर्थिक युद्ध (Economic Warfare) के एक नए और खतरनाक अध्याय की शुरुआत है।





