नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि यह पर्व न केवल सूर्यदेव की आराधना का अवसर है, बल्कि सद्भाव, एकता और प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना को भी जगाता है।
प्रधानमंत्री का संदेश
- पीएम मोदी ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि “छठ महापर्व हमारे सांस्कृतिक जीवन और पारंपरिक मूल्यों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व अनुशासन, समर्पण और श्रद्धा की भावना को प्रकट करता है।”
- उन्होंने लोगों से अपील की कि वे छठ पूजा से जुड़े लोकगीत, भजन और परंपराओं को साझा करें, ताकि यह सांस्कृतिक धरोहर आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रूप से पहुंच सके।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए हम लोक संस्कृति और पर्वों की परंपराओं को देश-विदेश में फैलाने में मदद कर सकते हैं।
छठ महापर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है।यह पर्व सूर्यदेव की पूजा और छठी मईया के सम्मान में चार दिनों तक चलने वाले अनुष्ठानों का संग्रह है।पर्व का विशेष आकर्षण है सूर्योदय और सूर्यास्त में घाटों पर अर्घ्य देना, साथ ही पारंपरिक गीत और लोकभजन।इसे प्रकृति और जल के महत्व का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि सूर्य और पानी का पूजन मानव जीवन के लिए अनिवार्य तत्व हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि लोकगीतों और भजनों का डिजिटल रूपांतरण कर उनकी पहुंच बढ़ाई जा सकती है।लोगों से आग्रह किया गया कि वे अपनी वीडियो, ऑडियो और फोटो सामग्री सोशल मीडिया पर साझा करें ताकि यह लोक परंपरा और सांस्कृतिक पहचान का भाग बन सके।यह पहल विशेष रूप से युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने में सहायक होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में यह स्पष्ट किया कि छठ महापर्व न केवल एक धार्मिक अवसर है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता, सामाजिक अनुशासन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी पर्व है। उनकी अपील है कि लोग पूजा से जुड़े गीतों और परंपराओं को साझा करके इस अमूल्य धरोहर को सुरक्षित रखें।
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