तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उन्हें प्यार, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन का प्रतीक बताया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की और कहा कि 1.4 अरब भारतीयों की ओर से वे दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई देते हैं।
धूमधाम से मनाया गया जन्मदिन
दलाई लामा का जन्मदिन भारत में विशेष उत्सव के रूप में मनाया गया। हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास स्थित डोरजिडक मठ में रविवार सुबह तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की।
इसके पहले, शनिवार को धर्मशाला में एक भव्य कार्यक्रम हुआ जिसमें बीजेपी नेता विजय जॉली और जेडीयू नेता राजीव रंजन (ललन) सिंह सहित कई प्रमुख भारतीय नेताओं ने भाग लिया। धर्मशाला दलाई लामा का मुख्य निवास स्थल भी है, जहां वे 1959 से निर्वासन में रह रहे हैं।
दलाई लामा: जीवन और परंपरा
• असली नाम: तेनजिन ग्यात्सो
• जन्म: 6 जुलाई 1935, तिब्बत के ताक्सर गांव में
• पुनर्जन्म की मान्यता: दो वर्ष की आयु में उन्हें 13वें दलाई लामा का अवतार माना गया
• 1940: ल्हासा में उन्हें तिब्बत के सर्वोच्च नेता के रूप में स्थापित किया गया
• 6 साल की उम्र से: बौद्ध शिक्षा की शुरुआत
‘दलाई लामा’ शब्द मंगोलियाई भाषा का है, जिसका अर्थ होता है – ज्ञान का महासागर। तिब्बती बौद्ध मान्यता के अनुसार, दलाई लामा करुणा के बोधिसत्व यानी ऐसे जागरूक प्राणी होते हैं जो अपने मोक्ष को स्थगित कर दूसरों की सेवा में जीवन समर्पित करते हैं।
दलाई लामा न केवल तिब्बत के सबसे बड़े आध्यात्मिक नेता हैं, बल्कि वे वैश्विक शांति, सहिष्णुता और करुणा के प्रतीक भी बन चुके हैं। उनके 90वें जन्मदिन पर भारत में जो सम्मान और श्रद्धा देखने को मिली, वह उनके प्रति भारत की गहरी भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाती है।