नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते से चुनाव प्रचार का शंखनाद करने जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री चार दिनों के भीतर 12 से अधिक जनसभाओं और रैलियों को संबोधित करेंगे। इस अभियान के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) औपचारिक रूप से अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत करेगी।
कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की पहली सभा अगले सप्ताह सोमवार को होगी। इसके बाद वे लगातार चार दिनों तक विभिन्न राज्यों में जनसभाएं करेंगे। उनका यह दौरा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे चुनावी दृष्टि से अहम राज्यों को कवर करेगा। पार्टी ने इसे ‘विजय संकल्प अभियान’ का नाम दिया है।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री की सभाओं के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने और जनता तक केंद्र सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने की रणनीति तैयार की गई है। मोदी इस दौरान सरकार की विकास योजनाओं, गरीब कल्याण कार्यक्रमों, महिलाओं के सशक्तिकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विशेष रूप से बात करेंगे।
जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री जिन सभाओं को संबोधित करेंगे, उनमें कुछ स्थानों पर वह सीधे पहुंचकर मंच से भाषण देंगे, जबकि कुछ स्थानों पर वीडियो लिंक के माध्यम से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। भाजपा आईटी और मीडिया सेल ने इसके लिए विशेष तैयारियां की हैं ताकि हर जनसभा का सीधा प्रसारण देशभर के बूथ स्तर तक हो सके।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी के इस प्रचार अभियान से भाजपा के चुनावी अभियान को नई गति मिलने की उम्मीद है। इस दौरे को लेकर राज्य इकाइयों में भी उत्साह देखा जा रहा है। सभी राज्यों में पार्टी ने कार्यकर्ताओं को जुटाने और रैलियों को ऐतिहासिक बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया है।
प्रधानमंत्री मोदी की सभाओं के दौरान स्थानीय मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। भाजपा नेताओं के अनुसार, प्रधानमंत्री की प्रत्येक सभा को एक थीम आधारित रैली के रूप में तैयार किया जा रहा है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों को रेखांकित किया जाएगा।
चुनाव आयोग की संभावित घोषणा से पहले मोदी का यह दौरा भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से निर्णायक कदम माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी का मैदान में उतरना पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए न सिर्फ प्रेरक क्षण होगा बल्कि चुनावी वातावरण को भी निर्णायक रूप से प्रभावित करेगा।