पिथौरागढ़ की चार ग्लेशियर झीलों का होगा सर्वे
इस साल राज्य में पिथौरागढ़ जिले में स्थित श्रेणी-ए की चार झीलों का सर्वे-2025 में करने का लक्ष्य तय किया गया। अभी तक राज्य में चिह्नित 13 ग्लेशियर झील में एक का सर्वे का काम हो चुका है। यह निर्णय सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में लिया गया। सुमन ने कहा, राज्य में चिह्नित ग्लेशियर झीलें में पांच श्रेणी-ए में हैं। पिछले साल एक दल ने चमोली जिले के धौली गंगा बेसिन स्थित वसुधारा झील का सर्वे कर लिया है। अब पिथौरागढ़ जिले में स्थित श्रेणी-ए की शेष चार झीलों का सर्वे-2025 में करने का लक्ष्य तय किया गया है।कहा, ग्लेशियर झीलों की निगरानी के लिए कई संस्थानों के साथ मिलकर एक फूलप्रूफ सिस्टम विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। ग्लेशियर झीलों के अध्ययन के लिए कई वैज्ञानिक संस्थानों को जो भी सहयोग की जरूरत होगी, वह यूएसडीएमए उपलब्ध कराएगा।विनोद कुमार सुमन ने कहा, यूएसडीएमए कई वैज्ञानिक संस्थानों को एक मंच पर लाना चाहता है, ताकि ग्लेशियर झीलों पर व्यापक अध्ययन किया जा सके। ग्लेशियर झीलों के सर्वे के लिए वाटर लेवल सेंसर, ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, थर्मल इमेजिंग आदि अन्य आवश्यक उपकरणों को स्थापित किया जाएगा।
वाडिया हिमालयन भूविज्ञान संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने कहा, ग्लेशियर झीलों के स्वरूप व प्रकृति का अध्ययन करना जरूरी है। बैठक में वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि इन झीलों में सेडिमेंट डिपॉजिट कितना है, इसका भी अध्ययन जरूरी है। बैठक में आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद आदि मौजूद थे।