ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक सनसनीखेज आतंकी हमले ने पूरे शहर को दहला दिया, जहां एक फल की दुकान चलाने वाले पिता और उसके बेरोजगार बेटे ने 6 लाइसेंसी बंदूकों से अंधाधुंध फायरिंग कर 12 लोगों की हत्या कर दी। घटना सोमवार सुबह व्यस्त बाजार क्षेत्र में घटी, जब हमलावरों ने भीड़भाड़ वाली शॉपिंग सेंटर पर हमला बोला और घंटों तक पुलिस से भिड़ते रहे। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने इसे ‘राष्ट्रीय आपदा’ करार दिया, जबकि स्थानीय लोग सदमे में हैं।
हमलावरों की पहचान 52 वर्षीय अहमद खान (पिता) और उसके 24 वर्षीय बेटे ओमर खान के रूप में हुई है, जो पाकिस्तानी मूल के प्रवासी थे। अहमद सिडनी के पार्रामत्ता इलाके में फल की दुकान चलाता था, जबकि ओमर लंबे समय से बेरोजगार था और कट्टरपंथी वेबसाइट्स पर सक्रिय रहता था। पुलिस ने बताया कि उनके पास वैध लाइसेंसी 6 असॉल्ट राइफलें और पिस्तौलें थीं, जो शूटिंग क्लब से प्राप्त हुई थीं। हमले से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘जिहाद’ का संदेश पोस्ट किया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह 10 बजे बाजार में घुसकर उन्होंने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शिकार बने। फायरिंग में 12 लोग मारे गए, जिनमें 4 पर्यटक शामिल हैं, जबकि 28 घायल हुए, जिनका इलाज अस्पतालों में चल रहा है। विशेष इकाई SWAT ने 2 घंटे की मुठभेड़ के बाद दोनों को मार गिराया। घटनास्थल से विस्फोटक और चाकू भी बरामद हुए, जो बड़े हमले की साजिश दर्शाते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इसे ISIS से प्रेरित आतंकी हमला माना है, और खुफिया एजेंसी ASIO ने देशव्यापी अलर्ट जारी किया। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि गन लॉ को और सख्त किया जाएगा, क्योंकि लाइसेंसी हथियारों का दुरुपयोग हुआ। प्रवासी समुदाय ने निंदा की, लेकिन इस्लामोफोबिया के डर से सुरक्षा मांगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बेरोजगारी और कट्टरता ने सामान्य परिवार को आतंकी बना दिया।
यह हमला ऑस्ट्रेलिया के इतिहास का सबसे घातक हमला है, जो 2019 के क्रीज चर्च हमले से भी बड़ा है। जांच जारी है, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मांगा गया है। सिडनी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।





