पाकिस्तान सरकार ने घोषणा की है कि देश में रह रहे 1.3 मिलियन (13 लाख) से ज्यादा अफगान शरणार्थियों की औपचारिक वापसी और निर्वासन की प्रक्रिया 1 सितंबर 2025 से शुरू की जाएगी। यह शरणार्थी वो हैं जिनके पास प्रूफ ऑफ रजिस्ट्रेशन (पीओआर) कार्ड हैं, लेकिन ये कार्ड 30 जून को समाप्त हो चुके हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनके पीओआर कार्ड की वैधता खत्म हो चुकी है, वे अब अवैध निवासी माने जाएंगे। ऐसे लोगों को अब पाकिस्तान में रहने की अनुमति नहीं होगी। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर सभी प्रांतीय सरकारों, पुलिस अधिकारियों और संबंधित एजेंसियों को इस योजना की जानकारी दी है। इस योजना को ‘अवैध विदेशियों के प्रत्यावर्तन योजना (आईएफआरपी)’ कहा जा रहा है। इस योजना के तहत इन सभी को निकाला जाएगा। स्वैच्छिक वापसी- यानी शरणार्थी अभी से स्वेच्छा से लौट सकते हैं। इसके लिए कोई रोक नहीं है। औपचारिक निर्वासन- जिन शरणार्थियों ने स्वेच्छा से वापसी नहीं की, उन्हें 1 सितंबर से वापस भेजा जाएगा। एसीसी कार्डधारियों पर भी असर- जिनके पास अफगान सिटीजन कार्ड (एसीसी) हैं, उनकी वापसी की प्रक्रिया पहले से चल रही है और वही जारी रहेगी।
किन एजेंसियों को क्या काम सौंपा गया है?
इसके लिए गिलगित-बाल्टिस्तान मंत्रालय और सैफरान विभाग को आदेश दिया गया है कि वे सभी पीओआर कार्डधारियों का डेटा जिलों को दें। वहीं नेशनल डाटाबेस और रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (एनएडीआरए) वापसी कर रहे शरणार्थियों की डीरजिस्ट्रेशन करेगी। बॉर्डर टर्मिनलों पर यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) बॉर्डर पर निर्वासन प्रक्रिया में मदद करेगी। इसके साथ ही प्रांतीय सरकारें अपने-अपने इलाकों में सभी पीओआर कार्डधारियों का मैपिंग करेंगी। ट्रांजिट एरिया बनाए जाएंगे जहां से शरणार्थियों को भेजा जाएगा। यात्रा के लिए वाहन, वित्तीय सहायता की व्यवस्था भी करनी होगी।