पाकिस्तान में जारी भारी मानसून बारिश से तबाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पाकिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 266 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 628 लोग घायल हुए हैं। बीते 24 घंटों में ही 14 मौतें और 17 घायल दर्ज किए गए हैं।
बच्चों और महिलाओं की भी बड़ी संख्या में मौत
NDMA की रिपोर्ट के अनुसार, मानसून की शुरुआत जून के अंत में हुई थी और तब से लेकर अब तक मरने वालों में 94 पुरुष, 46 महिलाएं और 126 बच्चे शामिल हैं।
बारिश से जुड़ी घटनाओं ने देश के लगभग सभी हिस्सों को प्रभावित किया है।
पंजाब सबसे अधिक प्रभावित, 144 मौतें
पंजाब प्रांत इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित है, जहां अब तक 144 मौतें और 488 घायल दर्ज किए गए हैं। हाल ही में रावलपिंडी में आई बाढ़ के बाद जिला प्रशासन ने 19 शहरी क्षेत्रों को अति संवेदनशील घोषित किया है।
संवेदनशील इलाके घोषित, अधिकारी तैनात
रावलपिंडी के जिन इलाकों को फ्लैश फ्लड की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील बताया गया है, उनमें शामिल हैं:
- न्यू कतारियां, लाई ब्रिज, बंगश कॉलोनी, पीरवधाई ब्रिज, ढोक नाजू, ढोक हसू ब्रिज
- हजारा कॉलोनी, ग्वालमंडी, सादिकाबाद, जावेद कॉलोनी, नदीम कॉलोनी, ताहली मोहरी
- टेंच भट्टा, बनारस कॉलोनी और शेरॉन कॉलोनी (सावन कैंप)
डिप्टी कमिश्नर हसन वकार चीमा ने इन इलाकों में सहायक आयुक्तों, तहसीलदारों और विभागीय अधिकारियों को निगरानी अधिकारी नियुक्त किया है।
स्थानीय लोगों की नाराजगी
रावलपिंडी के नदीम कॉलोनी, जावेद कॉलोनी और ढोक इलाही बख्श के निवासियों ने प्रशासन की उपेक्षा पर गुस्सा जताया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले 50 वर्षों से हर मानसून में उनका इलाका जलमग्न हो जाता है, लेकिन सरकार की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया।
हालिया बाढ़ के दौरान भी कोई सरकारी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, और लोग अपने हाल पर छोड़ दिए गए।
अन्य प्रभावित क्षेत्र
- खैबर पख्तूनख्वा में 3 मौतें, 5 घायल
- गिलगित-बाल्टिस्तान और इस्लामाबाद में 2-2 मौतें
- सिंध में एक व्यक्ति की मौत हुई है
सावधानी और राहत कार्यों की ज़रूरत
बारिश और बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह राहत और बचाव कार्यों को तेज करे, साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में स्थायी समाधान की दिशा में काम करे।
यदि स्थिति पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया, तो मृतकों और घायलों की संख्या और बढ़ सकती है।