Wednesday, November 19, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

पाकिस्तान जुटा रहा इस्लामी समर्थन, भारत पर दबाव बढ़ाने की तैयारी

नई दिल्ली: पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ माहौल बनाने की पुरानी रणनीति पर लौट आया है। कूटनीतिक मोर्चे पर लगातार अलग-थलग पड़ रहे पाकिस्तान ने अब इस्लामी देशों का समर्थन हासिल करने के लिए सक्रिय दौड़भाग शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की यह कवायद न सिर्फ उसकी घरेलू विफलताओं को ढकने का प्रयास है, बल्कि भारत पर राजनीतिक और सामरिक दबाव बढ़ाने की एक सुनियोजित कोशिश भी है।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व ने हाल के हफ्तों में मध्य-पूर्व और खाड़ी क्षेत्र के कई देशों से संपर्क बढ़ाया है। विदेश कार्यालय के अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि मुस्लिम देशों के मंचों पर भारत विरोधी मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाए। इसके लिए पाकिस्तान आतंकवाद और कश्मीर को लेकर बार-बार झूठे दावे दोहरा रहा है, ताकि भावनात्मक आधार पर समर्थन जुटाया जा सके।

कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भरोसे की कमी के चलते पाकिस्तान की वैश्विक स्थिति कमजोर हुई है। ऐसे में वह इस्लामी देशों की एकजुटता का सहारा लेकर खुद को मजबूत दिखाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन कई देश पाकिस्तान की नीति और नीयत पर पहले ही सवाल उठा चुके हैं और उसके दावों को संदेह की नजर से देखते हैं।

भारत से जुड़े मामलों पर पाकिस्तान की बढ़ती सक्रियता को सुरक्षा एजेंसियां भी गंभीरता से ले रही हैं। एजेंसियों का आकलन है कि पाकिस्तान के इस नए कूटनीतिक अभियान के पीछे दो उद्देश्य हैं—पहला, भारत की क्षेत्रीय और वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाना और दूसरा, स्वयं को इस्लामी दुनिया में एक ‘नेता’ के तौर पर प्रस्तुत करना।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की रणनीति को लेकर पहले ही सतर्क हो चुका है। कई देशों ने पाकिस्तान से उसके आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले नेटवर्क्स पर कार्रवाई का स्पष्ट दबाव बनाया है, जिससे उसकी स्थिति और कमजोर हुई है। यह भी माना जा रहा है कि पाकिस्तान भारत पर सामरिक दबाव बनाने की कोशिशों के साथ-साथ अपने घरेलू मोर्चे पर बढ़ते विरोध को भी इससे भटकाना चाहता है।

विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि पाकिस्तान की यह कूटनीतिक सक्रियता क्षेत्रीय शांति के लिए नई चुनौतियाँ पैदा कर सकती है। भारत इससे बेपरवाह दिखाई देता है, लेकिन सुरक्षा और कूटनीतिक स्तर पर स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। आने वाले दिनों में पाकिस्तान की इस अभियान-शैली की कूटनीति पर दुनिया की प्रतिक्रिया भी तय करेगी कि उसका यह प्रयास कितना सफल या विफल होगा।

Popular Articles