खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा ने भारत पर एक बार फिर बड़ा आरोप लगाया है। कनाडाई जासूसी एजेंसी ने आरोप लगाया है कि भारत और पाकिस्तान ने 2019 और 2021 के आम चुनावों में कनाडा के संघीय चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की। कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) के आरोपों को भारत ने सिरे ने खारिज कर दिया है। मुख्य मुद्दा यह है कि नई दिल्ली के आंतरिक मामलों में ओटावा का हस्तक्षेप कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने फरवरी में नई दिल्ली में कहा था कि हमने कनाडाई आयोग की जांच के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं। हम कनाडा के चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के सभी निराधार आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं। जयसवाल ने कहा कि दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करना भारत सरकार की नीति नहीं है। जयसवाल ने आगे कहा कि असल मामला यह है कि कनाडा हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। सीएसआईएस ने दस्तावेजों में आरोप लगाया कि 2021 में, कनाडा में भारत सरकार का एक सरकारी प्रॉक्सी एजेंट था, जिसका चुनावों में हस्तेक्षप करने का इरादा था। दस्तावेजों में आरोप लगाया कि 209 में कनाडा में पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों ने कनाडाई संघीय राजनीति को गुप्त रूप से प्रभावित करने का प्रयास किया, जिससे कनाडा में पाकिस्तानी सरकार के हितों को आगे बढ़ाया जा सके। एजेंसी का आरोप है कि 2021 में भारत सरकार ने छोटी जिलों में हस्तेक्षप करने की कोशिश की थी। भारत को लगता था कि कनाडाई चुनाव का एक हिस्सा खालिस्तानी आंदोलन और पाकिस्तान समर्थक राजनीति से जुड़ा हुआ है। दस्तावेज के अनुसार, खुफिया जानकारी के अनुसार, प्रॉक्सी एजेंट ने भारत समर्थक उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल दिया जा सके। बता दें, चीन और रूस पर भी कनाडा ने संदिग्ध संलिप्तता के आरोप लगाए हैं।