शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए वित्तीय मदद मांगने पर एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने पाकिस्तान को भारत से सीखने की नसीहत दी है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, शिक्षा प्रणाली को सुधारने व स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षा देने के लिए पाकिस्तान ने वित्तीय मदद मांगी थी। मदद की जगह मनीला स्थित बैंक ने पाकिस्तान को नसीहत दे डाली है कि वह अपने मुल्क की खस्ताहाल शिक्षा और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के लिए भारत की उल्लास योजना को अपनाए। एडीबी ने सिफारिश की है कि पाकिस्तानी हुकूमत रणनीति बनाकर सभी को फायदा पहुंचाने वाला नजरिया अपनाए और भारत सरकार की नई शुरू की गई उल्लास योजना जैसी बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं को अमल में लाए। एडीबी ने पाकिस्तान से कहा कि भारत सरकार की उल्लास योजना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए केंद्रीय और प्रांतीय सरकार दोनों के तत्काल सहयोग करने की जरूरत पर बल देती है। बैंक ने कहा कि यह योजना पाकिस्तान में इसी तरह की योजना को लागू करने में मददगार साबित हो सकती है, क्योंकि इससे सफलता और चुनौतियों के बारे में महत्वपूर्ण सबक मिल सकते हैं। बताते चलें कि एडीबी की यह सिफारिश उसके अध्यक्ष मासात्सुगु असकावा की पाकिस्तान की यात्रा से कुछ दिन पहले ही आई है। पाकिस्तान में हुए एक ताजा आर्थिक सर्वे में पता चला है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। हालात ये हैं कि देश के 74 प्रतिशत लोग अपने मासिक खर्चों को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले ये 14 प्रतिशत ज्यादा है। पाकिस्तान में आम जनता को अपने खर्चे पूरे करने के लिए या तो उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है या फिर वे पार्ट टाइम नौकरी करने को मजबूर हो रहे हैं। सरकार ने एक आर्थिक योजना तैयार की है, लेकिन बढ़ता कर्ज पाकिस्तान का सिर दर्द बढ़ा रहा है। पाकिस्तान के 11 बड़े शहरों में हजारों लोगों पर जुलाई और अगस्त महीने में एक सर्वे किया गया था। इस सर्वे में पता चला कि मई 2023 में जहां 60 फीसदी लोगों को अपने घरेलू खर्चा चलाने में परेशानी हो रही थी, अब उनकी संख्या बढ़कर 74 प्रतिशत हो गई है। 60 प्रतिशत लोगों को अपने घरेलू खर्चों में कटौती करनी पड़ी है। वहीं 40 प्रतिशत लोग उधार लेकर अपना परिवार पाल रहे हैं। 10 प्रतिशत लोगों ने अपने खर्च चलाने के लिए पार्ट टाइम नौकरी करना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान के 56 प्रतिशत लोग कोई बचत नहीं कर पा रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान की माली हालत कैसी है। पाकिस्तान के लोगों की खर्च की क्षमता में आई कमी, महंगाई के असर को लेकर भी एक सर्वे किया जा रहा है। हालात को देखते हुए उसमें भी चौंकाने वाले आंकड़े आने की उम्मीद है। शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार अब संघीय बजट में राज्यों की हिस्सेदारी को 39.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 48.7 प्रतिशत करने की तैयारी कर रही है। पाकिस्तान ने बीते वित्तीय वर्ष में खूब कर्ज लिया है और पाकिस्तान का कर्ज 79,731 अरब पाकिस्तानी रुपये हो गया है। पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ भी सात अरब डॉलर की नई डील की है।