पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एक सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद बढ़ गया है। जिसके बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगर इमरान खान देश में राजनीतिक तनाव को कम करना चाहते हैं तो उन्हें अपना मुंह बंद रखना चाहिए। दरअसल इमरान खान ने बीती 26 मई को सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा था कि ‘हर पाकिस्तानी को हमूद उर रहमान आयोग की रिपोर्ट को पढ़ना चाहिए, तभी पता चलेगा कि असली गद्दार कौन था, जनरल याहया खान या फिर शेख मुजीबुर रहमान।’ साल 1971 में पाकिस्तान की हार के बाद हमूद उर रहमान आयोग का गठन किया गया था, जिसने पाकिस्तान की हार पर अपनी रिपोर्ट दी थी। इमरान खान के इस पोस्ट पर काफी विवाद हुआ और इसे जमकर साझा किया गया। वहीं कुछ यूजर्स ने इस पर आपत्ति भी जताई। अब शुक्रवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के संस्थापक देश में तनाव को बढ़ाना चाहते हैं। आसिफ ने इमरान खान को अपना मुंह बंद रखने की सलाह दी ताकि देश में तनाव कुछ कम हो सके। पाकिस्तान की जेल में बंद चार भारतीय नागरिक इसी हफ्ते भारत लौट आए हैं। भारत लौटने वाले कैदियों में सूरज पाल, वहिदा बेगम उसका बेटा फैज खान और शाबिर अहमद डार का नाम शामिल है। अभी तक ये पता नहीं चला है कि चारों के खिलाफ क्या आरोप थे और चारों कब से पाकिस्तान की जेल में कैद थे। पाकिस्तान की अदालत ने कश्मीरी कवि अहमद फरहाद को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। फरहाद बीती 14 मई से लापता थे। फरहाद की पत्नी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पति को ढूंढने की गुहार लगाई थी। इस पर हाईकोर्ट ने देश की खुफिया एजेंसियों और विभिन्न विभागों और मंत्रियों को नोटिस जारी कर फरहाद के बारे में जानकारी मांगी। जिसके बाद पता चला कि फरहाद पीओके पुलिस की हिरासत में कैद हैं। पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने शुक्रवार को कोर्ट में अपील की कि फरहाद पुलिस की हिरासत में है और अब उसके लापता होने का मामला खत्म कर देना चाहिए, लेकिन कोर्ट ने फरहाद के कोर्ट में पेश होने तक मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया।पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर हुई है। आरोप है कि पाकिस्तानी पीएम ने न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की और उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। दरअसल पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीएमएलएन के परिषद की बैठक के दौरान अपने एक बयान में कहा था कि ‘Dन्यायपालिका में कुछ काली भेड़े हैं, जो पूर्व पीएम इमरान खान को राहत देने पर तुली हुई हैं। हर दिन ये लोग ये योजना बनाते हैं कि इमरान खान को जमानत कैसे दी जाए।’