इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान को अदालत से एक और बड़ा झटका लगा है। एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए विशेष अदालत ने इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 17-17 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस फैसले ने पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल ला दिया है।
भ्रष्टाचार और अवैध लाभ का मामला
अदालत ने यह फैसला भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, इमरान खान ने अपने प्रधानमंत्री काल के दौरान पद का दुरुपयोग करते हुए अपने और अपनी पत्नी के लिए अवैध आर्थिक लाभ प्राप्त किए। अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर दोनों को दोषी पाया।
सजा के साथ भारी जुर्माना भी
अदालत ने केवल जेल की सजा ही नहीं सुनाई, बल्कि दोनों पर भारी आर्थिक दंड भी लगाया है।
- कठोर कारावास: दोनों को 17 साल जेल में बिताने होंगे, जिसमें श्रम भी शामिल हो सकता है।
- सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य: इस सजा के बाद इमरान खान के भविष्य में चुनाव लड़ने और सार्वजनिक पद धारण करने की संभावनाओं को बड़ा धक्का लगा है।
- संपत्ति की कुर्की: अदालत ने मामले से जुड़ी कुछ संपत्तियों को जब्त करने के भी आदेश दिए हैं।
बुशरा बीबी की गिरफ्तारी और अदालती कार्यवाही
फैसले के समय इमरान खान पहले से ही जेल में बंद थे, वहीं सजा के ऐलान के बाद बुशरा बीबी ने भी आत्मसमर्पण कर दिया या उन्हें हिरासत में ले लिया गया। बचाव पक्ष के वकीलों ने इस फैसले को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए इसे ऊपरी अदालत (हाईकोर्ट) में चुनौती देने की बात कही है।
देशभर में सुरक्षा अलर्ट
इतनी लंबी सजा के ऐलान के बाद पाकिस्तान के मुख्य शहरों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। पीटीआई समर्थकों के संभावित विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए इस्लामाबाद और लाहौर में धारा 144 जैसे कड़े कदम उठाए गए हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि कानून-व्यवस्था न बिगड़े।





