मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के दो ऐसे गांव चयनित करने के निर्देश दिए हैं, जिनमें पर्यटकों को अत्याधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। इन गांवों में उन्हें ठहरने के साथ ही वर्क फ्रॉम विलेज करने का मौका भी मिलेगा।
सीएम धामी ने सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली को देहरादून और हल्द्वानी के समीप पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दो गावों को हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली, सड़क और पानी की निकासी की उत्तम व्यवस्था के साथ विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इन गांवों में होम स्टे की सुविधा भी मिलेगी।
पर्यटक यहां छुट्टियां मनाने के साथ ही वर्क फ्रॉम विलेज कर सकेंगे। सीएम धामी ने प्रमुख सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम को निर्देशा दिए हैं कि इन गांवों में बिजली कटौती किसी भी सूरत में न की जाए। उन्होंने उत्तराखंड की प्राचीन पांडुलियों, ताम्र पत्रों और ग्रंथों को सहेजने और इनको वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण के भी निर्देश दिए।
देहरादून और हल्द्वानी के पास होंगे पायलट गांव
मुख्यमंत्री ने सचिव शैलेश बगोली को निर्देश दिए हैं कि देहरादून और हल्द्वानी के समीप दो गांवों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना जाए। इन गांवों को विकसित किया जाएगा:
- हाई–स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी
- 24×7 बिजली आपूर्ति
- सड़कों और जल निकासी की बेहतर व्यवस्था
- होमस्टे सुविधा के साथ स्थानीय जीवनशैली का अनुभव
बिजली कटौती नहीं होगी
मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन गांवों में बिजली की कोई कटौती न हो, ताकि वर्क फ्रॉम होम करने वाले पर्यटकों को निर्बाध सुविधा मिल सके।
संस्कृति संरक्षण पर भी जोर
मुख्यमंत्री ने राज्य की प्राचीन पांडुलियों, ताम्र पत्रों और ग्रंथों को वैज्ञानिक तरीकों से संरक्षित करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को अगली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सके।
यह पहल न केवल पर्यटन को नया आयाम देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और डिजिटल विलेज मॉडल को भी सशक्त बनाएगी। जल्द ही उत्तराखंड के ये गांव पर्यटन और टेक्नोलॉजी का अनोखा संगम बनकर उभरेंगे।