वॉशिंगटन/नई दिल्ली। भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की रिपोर्टिंग को लेकर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को आलोचना का सामना करना पड़ा है।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति ने हमले के बाद पाकिस्तान-स्थित लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने का स्वागत करते हुए, न्यूयॉर्क टाइम्स की भ्रामक रिपोर्टिंग पर कड़ी आपत्ति जताई।
“यह साफ तौर पर आतंकवादी हमला था” — ब्रायन मास्ट
समिति के अध्यक्ष और रिपब्लिकन सांसद ब्रायन मास्ट ने शनिवार को सोशल मीडिया पर कहा:
“द रेजिस्टेंस फ्रंट एक विदेशी आतंकवादी संगठन है और इसे FTO (Foreign Terrorist Organization) घोषित किया जाना बिल्कुल उचित है। जब निर्दोष नागरिकों का कत्लेआम किया जाता है, तो न्याय होना चाहिए।”
मास्ट ने आगे कहा,
“न्यूयॉर्क टाइम्स, हमने आपकी हेडलाइन ‘सही’ कर दी है — यह उग्रवाद नहीं, आतंकवाद था। भारत हो या इज़राइल, जब आतंकवाद की बात आती है, तो न्यूयॉर्क टाइम्स अक्सर सच्चाई से भटक जाता है।”
TRF को पहले ही घोषित किया गया है वैश्विक आतंकी संगठन
पिछले हफ्ते अमेरिका ने TRF को FTO और SDGT (Specially Designated Global Terrorist) के रूप में सूचीबद्ध किया था। TRF को लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट संगठन माना जाता है, जो कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर आपत्ति
न्यूयॉर्क टाइम्स ने हमले की रिपोर्टिंग में लिखा था:
“कश्मीर में उग्रवादियों ने कम से कम 24 पर्यटकों को गोली मार दी।”
अमेरिकी समिति ने इस शीर्षक की एक तस्वीर साझा की और उसमें “उग्रवादियों” शब्द को बदलकर “आतंकवादियों” शब्द लिखा, यह दर्शाते हुए कि मीडिया को नरम शब्दों के बजाय स्पष्ट शब्दों का प्रयोग करना चाहिए जब निर्दोष नागरिकों पर हमला किया जाए।
भारत में भी हो रही आलोचना
भारत में भी कई सुरक्षा विशेषज्ञ और राजनीतिक विश्लेषक इस बात को उठाते रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया, विशेषकर पश्चिमी मीडिया, आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को संदिग्ध और नरम भाषा में प्रस्तुत करता है।
यह आलोचना अब अमेरिकी राजनीति के शीर्ष स्तर पर भी सार्वजनिक रूप से सामने आ रही है।