Wednesday, September 10, 2025

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नेपाल में सियासी संकट गहराया: प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, दफ्तर में घुसे प्रदर्शनकारी

काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता एक बार फिर चरम पर पहुंच गई है। लगातार बढ़ते जनविरोध और उग्र प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की घोषणा ऐसे समय हुई, जब सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में घुस गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए भवन को घेर लिया।
सूत्रों के अनुसार, राजधानी काठमांडू में बीते कई दिनों से जनता सरकार की नीतियों और प्रशासनिक अक्षमता के खिलाफ सड़कों पर उतर रही थी। हालात रविवार रात को बिगड़ गए, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर कूच किया। सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन भारी संख्या में जुटी भीड़ ने परिसर में प्रवेश कर लिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं।
प्रधानमंत्री ओली ने स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा देशहित में काम करने की कोशिश की, लेकिन मौजूदा हालात में पद पर बने रहना उचित नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नया नेतृत्व जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होगा।

इधर, प्रदर्शनकारियों ने ओली के इस्तीफे का स्वागत किया और इसे ‘जनता की जीत’ करार दिया। उनका कहना है कि सरकार ने हाल के वर्षों में आर्थिक संकट, बढ़ती बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर काबू पाने में नाकामी दिखाई, जिसके चलते उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।
नेपाल की राजनीति में ओली का इस्तीफा बड़ा झटका माना जा रहा है। अब सवाल है कि देश में अगला नेतृत्व कौन संभालेगा। राष्ट्रपति ने नए प्रधानमंत्री के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के संकेत दिए हैं। वहीं, प्रमुख विपक्षी दलों ने दावा किया है कि वे स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।
नेपाल में यह घटनाक्रम उस समय हुआ है, जब देश पहले से ही आर्थिक दबाव, महंगाई और अंतरराष्ट्रीय कर्ज की चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में राजनीतिक अनिश्चितता ने आम जनता की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।

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