काठमांडू: नेपाल सरकार ने एक बड़ा और कड़ा कदम उठाते हुए देश में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद करने का फैसला किया है। इस सूची में फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और एक्स (पूर्व ट्विटर) जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म शामिल हैं। सरकार का कहना है कि यह निर्णय सामाजिक सौहार्द बनाए रखने और फर्जी खबरों व आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, नेपाल के सूचना एवं संचार मंत्रालय ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को इन सभी प्लेटफॉर्म्स को चरणबद्ध तरीके से ब्लॉक करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार का तर्क है कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले संदेश, भड़काऊ वीडियो और अफवाहें तेजी से बढ़ी हैं, जिससे समाज में तनाव पैदा हो रहा है।
नेपाल सरकार ने यह भी कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स के साथ कई बार संवाद की कोशिश की गई थी ताकि वे स्थानीय कानूनों और दिशानिर्देशों का पालन करें, लेकिन पर्याप्त सहयोग नहीं मिलने पर यह कठोर कदम उठाना पड़ा।
निर्णय के बाद राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में बहस छिड़ गई है। युवा वर्ग और छात्र समुदाय ने इस प्रतिबंध पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया अब अभिव्यक्ति का अहम माध्यम बन चुका है और इस तरह का कदम व्यक्तिगत आजादी पर अंकुश लगाने जैसा है। वहीं, सरकार के समर्थकों का मानना है कि देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल का यह कदम पूरे दक्षिण एशिया में एक मिसाल बन सकता है, क्योंकि इससे पहले भी कई देशों में सोशल मीडिया पर अस्थायी प्रतिबंध लगाए जाते रहे हैं। हालांकि, इतने बड़े पैमाने पर स्थायी रोक लगाने का फैसला अभूतपूर्व है।
सरकार ने साफ किया है कि प्रतिबंध के दौरान वैकल्पिक और स्वदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि लोग पूरी तरह से डिजिटल संचार से कटे नहीं।
नेपाल का यह डिजिटल स्ट्राइक आने वाले समय में न केवल देश की राजनीति और समाज पर असर डालेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर भी चर्चा और विवाद का विषय बनेगा।