केपी शर्मा ओली एक बार फिर नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयारी कर रहे हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ शुक्रवार को राजनीतिक उथल-पुथल के बीच संसद में विश्वास मत जीतने में कामयाब नहीं हो सके। नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष ओली ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल के समक्ष 165 सांसदों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया। जिसमें 77 सदस्य उनकी पार्टी और नेपाली कांग्रेस के 88 सदस्यों का समर्थन शामिल है।
हालांकि जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी), जेएसपी-नेपाल, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, जनमत पार्टी और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी सहित सीमांत पार्टियां कांग्रेस-यूएमएल गठबंधन सरकार के पक्ष में हैं, ओली ने केवल यूएमएल और कांग्रेस का समर्थन दिखाते हुए राष्ट्रपति के समक्ष दावा पेश किया है।
कांग्रेस के मुख्य सचेतक रमेश लेखक ने कहा, ”हमने राष्ट्रपति के समक्ष नई सरकार के लिए दावा पेश किया है। अब, यह उन्हें तय करना है कि नियुक्ति कब करनी है।’’
नेपाली कांग्रेस के प्रधानमंत्री प्रचंड नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी केंद्र (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष भी हैं। उऩ्हें विश्वास मत का सामना इसलिए करना पड़ा क्योंकि ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल ने पिछले सप्ताह प्रचंड की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।