नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल (शासी परिषद) की बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित हो रही है। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। सियासी हंगामा लगातार जारी है। दरअसल, बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कुछ गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने इस बैठक से किनारा किया। वहीं, विपक्षी गठबंधन की ओर से एकमात्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसमें शामिल हुईं। मगर थोड़ी देर बाद ही वह भी बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर आ गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया।
दिल्ली में नीति आयोग की बैठक पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘तीन साल से हमारा 100 दिन का काम (मनरेगा) बंद करके रखा, आवास योजना बंद करके रखा। ऐसे कोई सरकार नहीं चलती। आप अपनी पार्टी और दूसरी पार्टी में भेदभाव नहीं कर सकते, आप केंद्र में सत्ता में हैं। आपको सभी का ध्यान रखना होगा।’
ममता बनर्जी ने बताया, ‘मैंने बैठक में कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे सिर्फ पांच मिनट ही बोलने की इजाजत मिली। मुझसे पहले जिन लोगों ने बोला वह 10-20 मिनट तक बोले। विपक्ष की तरफ से मैं अकेली इस बैठक में हिस्सा ली। लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है।’
बंगाल सीएम ने आगे आरोप लगाया, ‘जब मैं बोल रहीं थी उस समय मेरा माइक बंद कर दिया गया। मैंने पूछा कि मुझे क्यों बोलने से रोका गया। मेरे साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। आपको अपनी पार्टी और सरकार को अधिक अवसर देने के बजाय इस पर खुश होना चाहिए कि मैं बैठक में शामिल हुईं। विपक्ष की ओर से केवल मैं हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं। यह केवल बंगाल का अपमान नहीं बल्कि यह सभी क्षेत्रीय दलों का अपमान है।’