Tuesday, December 23, 2025

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निर्माणाधीन दो बड़े प्रोजेक्टों पर शीतकाल ने लगाया ब्रेक

जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निर्माणाधीन दो बड़े प्रोजेक्टों पर शीतकाल ने ब्रेक लगा दिया है। इनमें से एक सीमावर्ती जादूंग गांव में निर्माणाधीन होमस्टे और दूसरा गंगोत्री धाम के निकट लंका में निर्माणाधीन देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र (एसएलसीसी) शामिल है। हालांकि एलएलसीसी के पत्थर कटिंग से जुड़े कार्य को ग्रामीण निर्माण विभाग हीना के पास कराने की बात कह रहा है।दरअसल, उक्त दोनों बड़े प्रोजेक्टों पर काम इसी साल शुरू हुआ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ब्राइवेंट विलेज योजना में जहां सीमावर्ती गांव जादूंग में पहले चरण में 3.65 करोड़ रुपये की लागत से 6 होमस्टे का निर्माण सितंबर में शुरू किया गया। इनमें 6 में से 4 होमस्टे की नींव लगभग तैयार कर ली गई है। लेकिन शीतकाल बढ़ने और इसके चलते गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट बंद होने के चलते इस काम पर फिलहाल ब्रेक लग गया है, जो कि अब जून 2025 में दोबारा शुरू होगा।वहीं, देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र वर्ष 2020 में स्वीकृत हुआ था, जिसमें हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र, कैफेटेरिया और वन विभाग सुविधा भवन के निर्माण पर लगभग 6 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लेकिन पूर्व में इस प्रोजेक्ट का काम लंबे समय तक लटका रहा। इसी साल मार्च-अप्रैल से साइट डेवलपमेंट के साथ काम शुरू हुआ, जिसे 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है।

लेकिन गंगोत्री धाम से लंका तक शीतकाल में पड़ने वाली कड़ाके की सर्दी बढ़ने से यह काम नींव निर्माण से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यहां ठंड के चलते 11 बजे तक भी श्रमिक साइट पर नहीं पहुंच पाते हैं। वहीं, 2 बजे के बाद सर्द हवाएं चलने लगती हैं, जिसमें निर्माण कार्य संभव नहीं होता है।

जादूंग में होमस्टे और लंका में हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र सीमांत जनपद में पर्यटन को नया आयाम देंगे। सीमावर्ती जादूंग में होमस्टे बनने के बाद पर्यटकों को ठौर ठिकाना मिल सकेगा। वहीं, होमस्टे से स्थानीय जाड़ समुदाय की लोक संस्कृति व खान-पान से वह रूबरू होंगे। जबकि लंका में हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के माध्यम से पर्यटक हिम तेंदुओं के प्राकृतिक वासस्थल गंगोत्री नेशनल पार्क को करीब से जान सकेंगे।

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