Wednesday, July 9, 2025

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नामीबिया से यूरेनियम और तेल-गैस आयात पर विचार कर रहा भारत, पीएम मोदी की यात्रा से बढ़ेगी रणनीतिक साझेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नामीबिया के ऐतिहासिक दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान भारत और नामीबिया के बीच यूरेनियम, तेल-गैस, रक्षा सहयोग और प्रोजेक्ट चीता 2 जैसे अहम विषयों पर चर्चा की जाएगी। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीसरी यात्रा है और 27 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री नामीबिया की ज़मीन पर कदम रख रहा है।

 

यूरेनियम, तेल-गैस और खनिजों में रुचि

भारत के नामीबिया में उच्चायुक्त राहुल श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि भारत:

  • नामीबिया से यूरेनियम आयात करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
  • हाल ही में नामीबिया में खोजे गए तेल और गैस भंडारों में भी भारत की नीति और आर्थिक रुचि है।
  • भारत के सार्वजनिक उपक्रम भी खनिज संसाधनों में निवेश के लिए तैयार हैं।

उन्होंने बताया कि भारत-नामीबिया के ऐतिहासिक संबंध आज एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जहां व्यापार, निवेश और सामरिक सहयोग नए स्तर पर पहुंच सकते हैं।

 

रणनीतिक सहयोग: ऊर्जा, रक्षा और क्षमता निर्माण

  • नामीबिया, दुनिया के प्रमुख यूरेनियम उत्पादकों में से एक है। भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए यह सहयोग बेहद अहम हो सकता है।
  • नामीबिया ने भारत से रक्षा उपकरण खरीदने में रुचि दिखाई है, जिससे रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग की संभावना खुली है।
  • दोनों देश क्षमता निर्माण (Capacity Building) के साझा कार्यक्रमों पर भी चर्चा करेंगे।

 

 प्रोजेक्ट चीता 2: भारत में चीतों की वापसी का अगला चरण

  • पीएम मोदी की यात्रा में प्रोजेक्ट चीता 2′ पर भी चर्चा होने की संभावना है।
  • भारतीय उच्चायुक्त के अनुसार, भारत में नामीबिया से लाए गए चीतों का पुनर्वास सफल रहा है, लेकिन संख्या अभी पारिस्थितिकीय संतुलन के लिए पर्याप्त नहीं है।
  • भारत और नामीबिया के बीच इस परियोजना को अधिक चीतों के आदान-प्रदान और संरक्षण सहयोग तक बढ़ाया जा सकता है।

 

🗣 प्रधानमंत्री का कार्यक्रम

  • नामीबिया के राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता।
  • संसद को संबोधित करेंगे, और भारतीय समुदाय से मिलेंगे
  • डॉ. सैम नुजोमा (नामीबिया के राष्ट्रपिता) के स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

 

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल राजनयिक शिष्टाचार नहीं, बल्कि भारत और नामीबिया के बीच ऊर्जा, पर्यावरण, रक्षा और कूटनीति के स्तर पर बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी का नया अध्याय लिखने वाली है।
यूरेनियम और तेल-गैस के क्षेत्र में सहयोग भारत की ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक कूटनीतिक समीकरणों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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