नाटो महासचिव मार्क रुत इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब ट्रंप प्रशासन रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की तैयारी में है और यूक्रेन को सैन्य मदद बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
माना जा रहा है कि यह मुलाकात मंगलवार को होगी, जिसमें नाटो सहयोगियों को अमेरिका से हथियार खरीदने की सुविधा देने संबंधी योजना को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इन हथियारों को यूक्रेन को भेजा जाएगा। इससे रूस-यूक्रेन युद्ध में तनाव और तेज़ होने की आशंका जताई जा रही है।
यूक्रेन को असाधारण मदद की तैयारी
ट्रंप के सहयोगी और रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि यूक्रेन की रक्षा के लिए आने वाले दिनों में रिकॉर्ड स्तर पर हथियार आपूर्ति देखने को मिलेगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि युद्ध की शुरुआत में रूस की जब्त की गई 300 अरब डॉलर की संपत्ति का उपयोग अब यूक्रेन की मदद के लिए किया जाएगा।
रूस के तेल पर टैरिफ प्रस्ताव
ट्रंप प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया है, जिसमें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 500 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का प्रावधान है। यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो इसका प्रभाव चीन, भारत और ब्राजील जैसी अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ सकता है।
पहले से ही कई प्रतिबंधों के घेरे में रूस
अमेरिका पहले ही रूस पर वित्त, ऊर्जा, परिवहन, रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में कड़े प्रतिबंध लागू कर चुका है। अब नई रणनीति के तहत रूस के तेल निर्यात को सीधे निशाना बनाया जा सकता है।
ट्रंप का बदला रुख
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म कराने का वादा किया था और यूक्रेन को सहायता देने को करदाताओं के पैसे की बर्बादी बताया था। लेकिन अब उनके रुख में स्पष्ट बदलाव देखा जा रहा है।