चीन ने ताइवान के खिलाफ अपना व्यापक सैन्याभ्यास शुरू किया। चीनी दुस्साहास के जवाब में ताइवान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग–ते ने सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने और ताइवान की रक्षा करने की प्रतिज्ञा की। बता दें, चीन ने अपने सैन्याभ्यास को ज्वाइंट स्वॉर्ड– 2024ए नाम दिया है। इसका उद्देश्य ताइवान की सत्ता पर कब्जा करना, संयुक्त हमले शुरू करना और प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा करना है। साथ ही ताइवान की क्षमता का आकलन करना है। ताइवान के सशस्त्र बलों के कमांडर–इन–चीफ के रूप में पहली बार चिंग–ते ने ताओयुआन में पदस्थ मरीन कॉर्प्स की 66वीं ब्रिगेड का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरी जिम्मेदारी देश की रक्षा करना और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लाई ने कहा कि हम बाहरी चुनौतियों और खतरों के सामने डट के खड़े हैं। हम स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करेंगे। हम क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा करेंगे। हम सैन्य कर्मियों के साथ खड़े हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करेंगे।नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने सभी नागरिकों को आश्वासन दिया कि अपने पद पर मजबूती से डटे रहें। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना की क्षमता पर भरोसा जताया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में सुधारों, रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और सैन्य कर्मियों की देखभाल सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई। हालांकि, उन्होंने चीनी सेना के सैन्याभ्यास पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की। लाई चिंग–ते ने सोमवार को ताइवान के नए राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाला। अपने शपथ समारोह में उन्होंने कहा था कि चीन को युद्ध की धमकी छोड़ देनी चाहिए। राष्ट्रपति लाई अपने भाषण में स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों पर जोर दिया था। उन्होंने बाहरी चुनौतियों और खतरों के खिलाफ ताइवान की रक्षा करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा था कि हम स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करेंगे। क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा करना जारी रखेंगे। लाई के कार्यभार संभालने पर चीन ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। लाई को बधाई देने के लिए चीन ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की निंदा की। चीन ने ताईपे का समर्थन करने वाले एक अमेरिकी कांग्रेसी और अमेरिका के रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाया।