Wednesday, March 12, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

नड्डा का दावा- लिंगानुपात बढ़ा, महिला सशक्तिकरण पर जोर

बीते 10 साल में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर देश ने एक लंबी यात्रा की है जो संपूर्णता में महिलाओं को मुख्यधारा में लेकर आई है। आज हम बेटियों को बचाने की बात कर रहे हैं। महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दे रहे हैं। बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि 10 साल में भारत का लिंगानुपात 918 से बढ़कर 933 तक जा पहुंचा है। अगर प्राकृतिक लिंगानुपात देखें तो यह प्रति एक हजार लड़कों पर 950 से 960 लड़कियों का रहा है, जिसके काफी नजदीक भारत पहुंचा है। अगर पुलिस बल की बात करें तो बीते 12 साल में महिलाओं की संख्या तीन गुना बढ़ी है। 2013 तक 84,400 महिला जवान पुलिस बल में थीं, जिनकी संख्या 2023 में 2.63 लाख से ज्यादा पहुंची है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसूति भी काफी बढ़ी है। 10 वर्ष पहले तक करीब 61 फीसदी महिलाओं की प्रसूति अस्पतालों में होती थी, आज 97 फीसदी से ज्यादा प्रसूति अस्पतालों में हो रही है। इससे माताओं के जीवन जोखिम में काफी सुधार आया है। देश के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। इसी तरह, महिला कल्याण का बजट 200 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 3.10 लाख करोड़ पहुंच गया है।
हालांकि, प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पहल के 10 साल पूरे होने पर कई तीखे सवाल पूछे। कांग्रेस ने भाजपा पर पाखंड का आरोप लगाया और पूछा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने बेटियों को बचाने के बजाय अपराधियों को बचाने की नीति क्यों अपनाई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, बेटी बचाओ के दस साल, मोदी जी से हमारे तीन सवाल-भाजपा ने बेटियों को बचाने की बजाय अपराधियों को बचाने की नीति क्यों अपनाई? मणिपुर की महिलाओं को न्याय कब मिलेगा? चाहे हाथरस की दलित बेटी हो या उन्नाव की बेटी, या हमारी चैंपियन महिला पहलवान, भाजपा ने हमेशा अपराधियों को क्यों बचाया? खरगे ने पूछा कि देश में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 43 अपराध क्यों दर्ज किए जाते हैं।

Popular Articles