अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय सेना ने महिला सशक्तीकरण और नारी शक्ति के प्रदर्शन के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर चरणबद्ध तरीके से 2 आर्मी गर्ल्स स्पोर्ट्स कंपनियों (एजीएससी) के गठन का एलान किया है। इन कंपनियों के संचालन के लिए सेना ने अपने दो सेंटर ऑफ एक्सिलेंस को चिह्नित किया है। महू में आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट और पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट के जरिये देशभर से चुनी गई लड़कियों को शिक्षा देने के साथ ही खेलों में चैंपियन बनाया जाएगा। इसके अलावा यहां से पढ़कर निकली इन लड़कियों को सेना में सीधे प्रवेश मिल पाएगा। शुक्रवार को सेना की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि एजीएससी एक अप्रैल से शुरू हो जाएगा। इसके तहत युवा प्रतिभा की पहचान की जाएगी। इन लड़कियों को औपचारिक शिक्षा के साथ ही खेलों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा एजीएससी के तहत चुनी गई लड़कियां अग्निवीर व नॉन कमिशंड ऑफिसर (एनसीओ) और जूनियर कमिशंड ऑफिसर (जेसीओ) योजनाओं के तहत सेना में सीधे भर्ती के लिए पात्र होंगी।
इसमें युवा प्रतिभा की पहचान की जाएगी, उन्हें फॉर्मल एजुकेशन देने के अलावा अन्य प्रशासनिक जरूरतें पूरी की जाएगी और उन्हें उनके खेल में चैंपियन बनाने के लिए ट्रेंड किया जाएगा। भारतीय सेना के पास लड़कों की स्पोर्ट्स कंपनियों की सफलता का उदाहरण है, जो अलग अलग खेलों में कई मेडल जीत चुके हैं। सेना के मुताबिक AGSC युवा लड़कियों को शूटिंग, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग और वेटलिफ्टिंग में ट्रेनिंग देगी। महू और पुणे के इन दो सेंटर में वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर हैं, स्पोर्ट मेडिसिन सेंटर है और इस खेलों से संबंधित कोचिंग देने की सुविधा है। यहां चुनी गई लड़कियों को सीनियर आर्मी टीम और एथलीट्स के अनुभव का भी लाभ मिलेगा क्योंकि वे भी यहीं ट्रेनिंग करते हैं।