दोहा/नई दिल्ली।
भारत और कतर के बीच संबंधों को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल के तहत भारतीय विदेश मंत्री ने मंगलवार को दोहा में कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से उच्चस्तरीय मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक कई रणनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित रही, जिसमें द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर गहन चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार, मुलाकात के दौरान ऊर्जा साझेदारी, व्यापार निवेश, प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा, रक्षा सहयोग और कनेक्टिविटी के मुद्दे प्राथमिकता में रहे। विदेश मंत्री ने कहा कि कतर भारत का विश्वसनीय रणनीतिक भागीदार है और दोनों देशों के बीच संबंध समय के साथ और मजबूत हुए हैं। उन्होंने कतर में भारतीय समुदाय के योगदान पर भी प्रकाश डाला और उनके कल्याण के लिए सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया।
कतर के प्रधानमंत्री अल थानी ने भारत को क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने और निवेश को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की इच्छा व्यक्त की। ऊर्जा क्षेत्र में कतर भारत का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है और दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक गैस आपूर्ति समझौतों को और आगे बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने, साइबर सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और उभरती प्रौद्योगिकियों में संयुक्त परियोजनाएँ विकसित करने की संभावनाओं पर विचार किया। बैठक के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ, जिनमें मध्य-पूर्व की स्थिरता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग शामिल रहा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस उच्चस्तरीय मुलाकात से भारत–कतर संबंधों को नई दिशा और मजबूती मिलेगी। आने वाले महीनों में दोनों देशों के बीच कई नए समझौते और संयुक्त कार्यक्रमों की संभावनाएँ भी बन रही हैं।





