देहरादून रेलवे स्टेशन के करीब 70 लोको पायलट अपनी मांगों को लेकर आज से आगामी 48 घंटों तक सामूहिक उपवास पर रहेंगे। उपवास की अवधि में रनिंग रूम में खाना नहीं पकाया जाएगा, लेकिन रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस आंदोलन का नियमित ट्रेन संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सभी लोको पायलट अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए उपवास जारी रखेंगे।
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के शाखाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि देशभर के लोको पायलट मंगलवार से शुरू हो रहे इस 48 घंटे के उपवास में शामिल होंगे। उनकी प्रमुख मांगों में बढ़ते कार्यभार के अनुरूप किलोमीटर भत्ते में बढ़ोतरी, हर वर्ष नियमित भर्ती निकाले जाने, तथा लोकोमोटिव इंजनों में शौचालय की अनिवार्य व्यवस्था शामिल हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून से जुड़े 70 लोको पायलट इस सामूहिक उपवास का हिस्सा हैं।
विनोद कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में लोको पायलट की संख्या जरूरत से कम है, जिसके कारण कर्मचारियों को पर्याप्त विश्राम नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति न केवल कार्य दक्षता को प्रभावित करती है बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी चुनौतीपूर्ण है। इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि अब रेलवे के रनिंग स्टाफ में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में लोकोमोटिव इंजनों में शौचालय की अनुपस्थिति महिलाओं के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन रही है। इस मुद्दे को कई बार उठाए जाने के बावजूद समाधान नहीं निकल पाया है, जिसके विरोध में यह शांतिपूर्ण उपवास शुरू किया जा रहा है।
एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और रेलवे सेवाओं को बाधित किए बिना अपनी आवाज शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। लोको पायलटों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होती, तब तक आवाज उठाने का यह अभियान जारी रहेगा।





