Wednesday, July 16, 2025

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देवनहल्ली में भूमि अधिग्रहण रद्द करने पर आंध्र प्रदेश का कर्नाटक पर तंज, नारा लोकेश ने एयरोस्पेस कंपनियों को दिया निवेश का न्योता

कर्नाटक सरकार द्वारा बंगलूरू के नजदीक देवनहल्ली इलाके में एयरोस्पेस पार्क के लिए प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण को रद्द किए जाने के बाद राजनीतिक और औद्योगिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस निर्णय पर आंध्र प्रदेश सरकार ने न सिर्फ प्रतिक्रिया दी, बल्कि इसे अवसर में बदलते हुए एयरोस्पेस उद्योग को राज्य में निवेश करने का खुला निमंत्रण भी दे डाला।

 नारा लोकेश का सोशल मीडिया के ज़रिए तंज

आंध्र प्रदेश के मंत्री और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के पुत्र नारा लोकेश ने कर्नाटक सरकार के फैसले पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा:

प्रिय एयरोस्पेस उद्योग, इसके बारे में सुनकर दुख हुआ, लेकिन मेरे पास आपके लिए एक बेहतर उपाय है। आप आंध्र प्रदेश में निवेश क्यों नहीं करते?”

उन्होंने दावा किया कि आंध्र प्रदेश की एयरोस्पेस नीति अत्यधिक आकर्षक है, और राज्य सरकार बेहतर प्रोत्साहन और 8000 एकड़ तैयार जमीन की सुविधा दे सकती है, जो बंगलूरू के बाहर स्थित है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही संबंधित कंपनियों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू होगी।

 कर्नाटक सरकार ने क्यों लिया भूमि अधिग्रहण वापस

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को घोषणा करते हुए बताया कि देवनहल्ली तालुक में प्रस्तावित 1777 एकड़ भूमि का अधिग्रहण अब नहीं किया जाएगा। यह निर्णय किसानों और सामाजिक संगठनों के लगातार 1200 दिनों के विरोध के चलते लिया गया है।

सीएम ने कहा,

यह उपजाऊ भूमि है और यहां के किसान इस पर निर्भर हैं। इसलिए सरकार ने यह कदम वापस लेने का निर्णय लिया है।”

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में किसान स्वयं सहमति दें, तो सरकार उचित मुआवजे पर भूमि खरीदने को तैयार रहेगी। साथ ही यह छूट केवल इस परियोजना तक सीमित रहेगी, किसी अन्य भूमि अधिग्रहण पर नहीं लागू होगी।

 राजनीतिक संकेत और औद्योगिक प्रतिस्पर्धा

यह प्रकरण न सिर्फ भूमि नीति और विकास मॉडल को लेकर राज्यों के बीच मतभेद को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे औद्योगिक निवेश को लेकर राज्य सरकारें एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।

जहां कर्नाटक ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है, वहीं आंध्र प्रदेश ने इसी निर्णय को विकास के अवसर में बदलने की कोशिश की है।

 निष्कर्ष

कर्नाटक सरकार का फैसला सामाजिक संतुलन और संवेदनशीलता का उदाहरण है, वहीं आंध्र प्रदेश का त्वरित प्रतिक्रिया देना उसकी औद्योगिक सक्रियता और प्रतिस्पर्धात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। अब देखना यह होगा कि एयरोस्पेस कंपनियां इस परिस्थिति में किस राज्य की ओर रुख करती हैं — किसान समर्थक नीति या प्रोत्साहन और जमीन की उपलब्धता

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