दुनिया भर में अब तक कम से कम 79 शिक्षा प्रणालियों (40 फीसदी) ने स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, कई देशों में अभी भी इससे बच्चों की शिक्षा और उनकी गोपनीयता पर पड़ने वाले असर को लेकर बहस छिड़ी हुई है। यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा निगरानी (जीईएम) टीम ने यह खुलासा किया है।
जीईएम के मुताबिक, 2023 के आखिर तक 60 शिक्षा प्रणालियों यानी दुनिया की कुल शिक्षा प्रणालियों के 30 फीसदी ने विशेष कानूनों या नीतियों के माध्यम से स्कूलों में स्मार्टफोन प्रतिबंधित कर दिए थे। साल 2024 के आखिर तक 19 और देशों ने यह प्रतिबंध लागू किया और यह संख्या बढ़कर 79 यानी 40 फीसदी हो गई। इस सबके बीच भारत में अभी भी स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर कोई विशेष कानून या नीति लागू नहीं की गई है। बीते साल दुनिया के कुछ देशों में ये प्रतिबंध और सख्त हो गए हैं। चीन के झांगझोऊ शहर में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में फोन के इस्तेमाल पर और कड़ा नियंत्रण लगाया गया है। यहां अब छात्रों को केवल तभी फोन लाने की इजाजत है जब माता-पिता लिखित में यह सुबूत दें कि यह पढ़ाई के लिए जरूरी है।
सिर्फ स्मार्टफोन ही नहीं, डेनमार्क और फ्रांस ने गूगल वर्क प्लेस पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि जर्मनी के कुछ राज्यों ने माइक्रोसॉफ्ट के उत्पादों को शिक्षा में इस्तेमाल के लिए मना किया है। इसके उलट सऊदी अरब ने अपने प्रतिबंध को हटा दिया क्योंकि यहां विकलांगता संगठनों ने इसका विरोध किया था।