Wednesday, December 24, 2025

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दिल्ली-NCR के लिए ‘हैप्पी न्यू ईयर’: मेट्रो विस्तार के दो नए कॉरिडोर को केंद्र की मंजूरी, 12,015 करोड़ रुपये होंगे खर्च

नई दिल्ली। नए साल की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने दिल्ली और एनसीआर के लाखों यात्रियों को बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण (Phase-IV) के तहत दो महत्वपूर्ण नए कॉरिडोर के विस्तार को औपचारिक मंजूरी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर कुल 12,015 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिससे न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि एनसीआर के शहरों के बीच कनेक्टिविटी भी नई ऊंचाइयों को छुएगी।

किन रूटों पर दौड़ेगी नई मेट्रो?

कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए दो नए कॉरिडोर दिल्ली के उन इलाकों को जोड़ेंगे जो अब तक मेट्रो नेटवर्क से पूरी तरह नहीं जुड़ पाए थे:

  • लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक: यह कॉरिडोर दक्षिण दिल्ली के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों को जोड़ेगा।
  • इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ: यह रूट मध्य और पश्चिमी दिल्ली के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक के रूप में काम करेगा, जिससे इंटरचेंज स्टेशनों पर भीड़ कम होगी।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं और लाभ

इस विस्तार योजना को आधुनिक शहरी परिवहन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है:

  1. कनेक्टिविटी में सुधार: इन नए कॉरिडोर के बनने से यात्रियों को बार-बार बस या ऑटो बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लाजपत नगर, साकेत और इंद्रलोक जैसे व्यस्त इलाकों में आवाजाही आसान होगी।
  2. रोजगार के अवसर: 12,000 करोड़ से अधिक के इस निवेश से निर्माण क्षेत्र में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
  3. प्रदूषण में कमी: मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से निजी वाहनों का दबाव सड़कों पर कम होगा, जिससे दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के स्तर को घटाने में मदद मिलेगी।
  4. फंडिंग का ढांचा: इस परियोजना का खर्च केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसियों द्वारा साझा किया जाएगा।

नए साल का तोहफा: कब तक पूरा होगा काम?

सरकार ने इस परियोजना के लिए सख्त समय सीमा (Deadline) निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, मंजूरी मिलने के बाद अब टेंडर प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।

  • इंटरचेंज स्टेशनों का जाल: नए रूटों पर कई ऐसे स्टेशन होंगे जो मौजूदा लाइनों (येलो, वायलेट और पिंक लाइन) को जोड़ेंगे, जिससे पूरी दिल्ली एक एकीकृत ग्रिड की तरह जुड़ जाएगी।
  • आधुनिक तकनीक: इन कॉरिडोर पर ‘ड्राइवरलेस’ मेट्रो तकनीक का उपयोग किए जाने की संभावना है, जो दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण की विशेषता है।

यात्रियों में उत्साह

इस घोषणा के बाद दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के दैनिक यात्रियों में खुशी की लहर है। विशेष रूप से उन इलाकों के लोगों को बड़ी राहत मिली है जहाँ पीक आवर्स में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या रही है।

“यह विस्तार दिल्ली मेट्रो को दुनिया के बेहतरीन शहरी परिवहन तंत्रों में से एक बनाएगा। 12,015 करोड़ रुपये का यह निवेश दिल्ली की लाइफलाइन को और अधिक मजबूत और भविष्य के लिए तैयार (Future-ready) करेगा।” — आधिकारिक प्रवक्ता, शहरी विकास मंत्रालय

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