नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने एक ऐसे ‘हाईटेक मुन्नाभाई’ को गिरफ्तार किया है, जो कंप्यूटर हैक करके पेपर सॉल्व करवा रहा था। इस पूरी साजिश के पीछे एक बड़ा गिरोह सक्रिय था, जिसने प्रत्येक अभ्यर्थी से लाखों रुपये की डील की थी।
7 लाख रुपये में तय हुआ था सौदा
जांच में सामने आया है कि जालसाजों ने अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के बदले 7 लाख रुपये की भारी-भरकम राशि मांगी थी। आरोपी ने एडवांस के तौर पर कुछ रकम ली थी और बाकी का भुगतान परीक्षा सफल होने के बाद किया जाना था। इस मामले में पुलिस अब उन मध्यस्थों की तलाश कर रही है जो भोले-भले उम्मीदवारों को अपनी जाल में फंसाते थे।
हैकिंग का ‘हाईटेक’ तरीका
इस गिरोह ने नकल के लिए पारंपरिक तरीकों के बजाय तकनीक का सहारा लिया था। पुलिस के अनुसार:
- आरोपियों ने परीक्षा केंद्र के कंप्यूटर सिस्टम को रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिए हैक किया था।
- परीक्षा केंद्र के भीतर बैठा अभ्यर्थी केवल स्क्रीन के सामने बैठा था, जबकि उसके सवालों के जवाब केंद्र से बाहर बैठा सॉल्वर दे रहा था।
- इस तकनीक की मदद से हैकर्स ने सिस्टम की सुरक्षा घेरे को तोड़कर कंप्यूटर का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।
कैसे हुआ खुलाशा?
परीक्षा के दौरान ड्यूटी पर तैनात पर्यवेक्षकों को एक अभ्यर्थी की गतिविधियों पर संदेह हुआ। जब तकनीकी टीम ने सिस्टम की जांच की, तो पाया गया कि कंप्यूटर पर कर्सर (Cursor) बिना छुए ही अपने आप हिल रहा था। तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद अभ्यर्थी को हिरासत में ले लिया गया।
बड़ा सिंडिकेट होने का शक
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और स्थानीय पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस का मानना है कि यह केवल एक अभ्यर्थी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक अंतरराज्यीय गिरोह हो सकता है जिसने कई अन्य सेंटरों पर भी इसी तरह की सेंधमारी की कोशिश की होगी। फिलहाल, पकड़े गए आरोपी से पूछताछ जारी है ताकि इस रैकेट के मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सके।





