दिल्ली और एनसीआर के शहरों के बीच रोज सफर करने वाले लोगों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। अभी दिल्ली में प्रवेश करने के लिए या तो टैक्सियों को 100 रुपये की एंट्री फीस देनी पड़ती है। या फिर सीमा पर बने एमसीडी के टोल बूथों पर लंबी कतारों में फंसना पड़ता है, जहां ग्रीन टैक्स लिया जाता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) (एनएचएआई), एमसीडी को यह निर्देश देने वाली है कि दिल्ली की सीमाओं पर बने टोल कलेक्शन पॉइंट्स को मुख्य हाईवे से हटाया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि ये टोल बूथ हाईवे पर ट्रैफिक की रफ्तार को धीमा कर देते हैं। दिल्ली से गाजियाबाद और नोएडा को जोड़ने वाला NH9 और दिल्ली-गुरुग्राम को जोड़ने वाला NH48 सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाले हाईवे हैं, जिन पर इस बदलाव का असर साफ दिख सकता है। केंद्र सरकार, सड़क परिवाहन मंत्रालय और हरियाणा सरकार मिलकर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की योजना बना रहे हैं। इस अपील में यह अनुरोध किया जाएगा कि टोल कलेक्शन पॉइंट्स को सीमा से दूर शिफ्ट किया जाए। और 2015 में दिए गए पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ECC) (ईसीसी) से जुड़े आदेश में बदलाव किया जाए। यह ईसीसी सिर्फ कमर्शियल वाहनों से लिया जाता है, टैक्सियों से नहीं। एमसीडी फिलहाल दिल्ली की सीमाओं पर पांच प्रमुख जगहों पर ईसीसी वसूलती है- गुरुग्राम का सिरहौल बॉर्डर, गाजीपुर (NH9), बदरपुर (NH19), टिकरी (NH10) और कुंडली (N44)। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन टोल बूथों की वजह से इन इलाकों में भीषण जाम लग जाता है।